राजनीति में नई आस के साथ अपनी ‘आसा’ पार्टी से आरसीपी सिंह शुरुआत करेंगे
अनिल कुमार
डेस्क: आखिरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने आज गुरुवार के दिन अपनी नयी पार्टी आसा की घोषणा कर ही डाली। राजनीतिक गलियारों में इसे कुछ लोगों ने इस पार्टी से नीतीश कुमार के लिए नुकसान होने की बात कह रहें हैं। आरसीपी सिंह ने अपनी नई पार्टी का पूरा नाम आप सबकी आवाज(आसा) रखा है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल के जयंती के दिन आरसीपी सिंह ने अपनी नई पार्टी का नाम और गठन किया। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल गुजरात के पाटीदार जाति से ताल्लुक रखते थे और इसी जाति को बिहार में कुर्मी जाति कहा जाता है तथा आरसीपी सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसी जाति से ताल्लुक रखते हैं तथा आरसीपी और नीतीश कुमार एक ही गृह जिला नालंदा से संबंध रखते हैं।
बिहार में आगामी 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आरसीपी अपने पार्टी के तरफ से उम्मीदवार जरूर चुनावी मैदान में उतारेगें। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को पार्टी संगठित करने का अच्छा खासा अनुभव है, पूर्व में आरसीपी सिंह जदयू पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं और बैक डोर से राज्यसभा सदस्य बन कर मोदी मंत्रीमंडल में कैबिनेट मंत्री में रह चुके हैं।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर जब आरसीपी कायम थे तब विपक्षी पार्टियाँ बिहार में किसी भी कार्य क्षेत्र में धांधली का कारण आरसीपी टैक्स का हवाला देते थे। बिहार सरकार में मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत आरसीपी सिंह ने अचानक 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लिया और फिर नीतीश कुमार ने इन्हें राज्यसभा के उम्मीदवार बना दिया और फिर 2016 में पुन: राज्यसभा सदस्य बनाए गए। पर 2021 में केंद्रीय मंत्री बनते हीं आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार के बीच तल्खी बढ़ गई और 2022 में जदयू पार्टी ने इन्हे पार्टी से हटा दिया, जिसके बाद आरसीपी सिंह ने कुछ महीने बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और फिर भाजपा में शामिल हो गए।
जब आरसीपी सिंह भाजपा में शामिल हुए उस समय नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल थे इस कारण आरसीपी सिंह 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में नालंदा लोकसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार थे पर जैसे ही नीतीश कुमार ने पाला बदलकर एनडीए में शामिल हुए, वैसे ही आरसीपी सिंह का लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना टूट गया। अगर आरसीपी सिंह आगामी बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार पेश करते हैं तब नीतीश कुमार के लिए परेशानी फिर 2020 में हुए विधानसभा चुनाव जैसा हो जायेगा, जो लोजपा (रामविलास) प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के उम्मीदवार के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार कर किया था।