अजमेर दरगाह प्रकरण में बोले सज्जादानशींन सय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ‘मैं ख्वाजा मोइंनुद्दीन का वंशज, मगर मुझे पार्टी नही बनाया गया, हमारी टीम कानूनी सलाह ले रही है’
माही अंसारी
डेस्क: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर के दावे वाले मुकदमे को सुनवाई के लिए स्वीकार किए जाने पर भारतीय सूफ़ी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं, एक है दरगाह समिति, एएसआई और तीसरा अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय।’
समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने दावा किया कि वो ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज हैं, ‘मैं ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का वंशज हूं, लेकिन मुझे इसमें पक्ष नहीं बनाया गया है।’ उन्होंने बताया कि उनकी टीम क़ानूनी सलाह ले रही है। उन्होंने कहा, ‘देश में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।’
उन्होंने कहा कि’ यह हमारे समाज और देश के हित में नहीं है। अजमेर का 850 साल पुराना इतिहास है। मैं भारत सरकार से इसमें हस्तक्षेप करने की अपील करता हूं। एक नया क़ानून बनाया जाना चाहिए और दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए ताकि कोई भी इन जैसे धार्मिक जगहों पर दावा न कर सके।’