क़यामत के वह 22 दिन: चण्डीगढ़ के हरिनाथ को 22 दिनों तक ठगों ने डिजिटल अरेस्ट रख कर किया लाखो की ठगी, जाने इन 22 दिनों के बारे में क्या कहते है हरिनाथ

तारिक आज़मी

डेस्क: भारत में डिजिटल अरेस्ट का मुद्दा इतना गंभीर है कि 27 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी इसका जि़क्र किया था। पीएम मोदी ने इसे लेकर लोगों से सावधान रहने को कहा था। उन्होंने कहा था, ‘डिजिटल अरेस्ट के पीड़ित हर वर्ग और हर उम्र के लोग हैं। डर के कारण वे अपनी मेहनत से कमाए गए लाखों रुपये खो देते हैं।’

ऐसे ही डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुवे हरिनाथ। हरिनाथ को 22 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रख कर लाखो रुपयों की ठगी कर लिया। हरिनाथ भोपाल के रहने वाले हैं लेकिन पिछले सात साल से चंडीगढ़ में रह रहे हैं। चंडीगढ़ के रहने वाले हरिनाथ की है, जिन्हें हाल ही में ऑनलाइन ठगों ने डिजिटल अरेस्टट कर लिया था। हरिनाथ बताते हैं, ‘मैं एक दो दिन बाद बैंक जाता था और उन्हें लाखों रुपये भेजता था। अब तक वे मुझसे 51 लाख, 2 हजार रुपये ठग चुके हैं।’ उनका दावा है कि 2 अक्टूबर से लेकर 24 अक्टूबर तक उन्होंने साइबर ठगों के दिशानिर्देशों का पालन किया और कुल 22 दिनों तक उन्हें पैसे भेजते रहे।

कोरोना के दौरान हरिनाथ की नौकरी चली गई। उनकी पत्नी एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। स्कूल के अलावा वो घर पर भी बच्चों को पढ़ाती हैं। नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी के साथ बच्चों को घर पर पढ़ाने का काम शुरू कर दिया। इस घटना के बारे में बात करते हुए हरिनाथ ने मीडिया को बताया, ‘मैं एक अख़बार में फोटो एडिटर के तौर पर काम करता था। 2017 में मैं इस काम के लिए चंडीगढ़ आया था।’ डिजिटल अरेस्ट के बारे में बात करते हुए हरिनाथ कहते हैं, ‘2 अक्टूबर को रात 12 बजे मेरे पास एक लड़की का फोन आया और उसने कहा कि मैं एक टेलीकॉम कंपनी से बात कर रही हूं। दो घंटे बाद आपका फोन बंद हो जाएगा।’

वो कहते हैं, ‘लड़की ने कहा कि 30 अगस्त को आपके आधार कार्ड पर मुंबई में मोबाइल सिम जारी हुआ था और इस सिम कार्ड के खिलाफ धोखाधड़ी की सात शिकायतें और एक एफआईआर दर्ज हुई है। मैंने उनसे कहा कि मैं मुंबई में किसी को नहीं जानता, मैं चंडीगढ़ में रहता हूं।’ इसके बाद उन्होंने मेरे बात एक (फर्ज़ी) पुलिस अधिकारी से करवाई।’ हरिनाथ का कहना है कि उस पुलिस वाले ने उन्हें धमकी दी।

उनके मुताबिक पुलिस वाले ने कहा ‘अरे तुमने क्या कर दिया। आप बहुत बड़ा फ्रॉड कर रहे हो। नरेश गोयल नाम के व्यक्ति के साथ बहुत बड़ा फ्रॉड हुआ है। तुम्हारे नाम से बैंक में खाता खोला गया है।’ फर्जी पुलिस अधिकारी ने हरिनाथ को बताया, ‘इस खाते से 6 करोड़ 80 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है। इस रकम का 10 फीसदी हिस्सा तुम्हारे नाम आया है। आपके ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया गया है। पुलिस दो घंटे के अंदर तुम्हें गिरफ्तार करने आ रही है।’

हरिनाथ कहते हैं, ‘मैं डर गया था। मैंने कुछ भी जांच पड़ताल करने की कोशिश नहीं की। इसके बाद उस फर्जी पुलिस वाले ने मुझसे कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है। इस मामले की जांच आरबीआई, सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट कर रहे हैं। मैं आपकी बात सीबीआई अधिकारी के करवा रहा हूं।’ इसके बाद उनकी बाद नकली सीबीआई अधिकारी से करवाई गई। हरिनाथ कहते हैं, ‘उन्होंने मुझे जल्द से जल्द मुंबई आने को कहा। मैंने उनसे कहा कि मैं इतनी जल्दी मुंबई कैसे आ सकता हूं। मुझ पर मेरी पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारी है। फिर उन्होंने मुझसे कहा ठीक है अगर तुम मुंबई नहीं आ सकते, तो हमारे पास एक और तरीका है, आप घर पर रहें और जांच में सहयोग करें। वे 22 दिनों तक हर समय मेरे साथ वीडियो कॉल पर थे। यहां तक कि बाथरूम जाने से पहले भी मुझे उन्हें मैसेज करना पड़ता था कि मैं बाथरूम जा रहा हूं।’

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