उत्तराखंड: राज्य स्थापना दिवस के जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिम विधायको को आमंत्रण देने पर हुआ हंगामा, नही गए कार्यक्रम में कोई मुस्लिम विधायक
तारिक आज़मी
डेस्क: हरिद्वार में हर की पौढ़ी पर राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में मुस्लिम विधायकों को निमंत्रण देने पर विवाद हो गया। इस निमंत्रण का विरोध बजरंग दल ने किया था। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित राज्य स्थापना दिवस के इस कार्यक्रम में तीन मुस्लिम विधायकों को बुलाया गया था। जिस पर घाट का प्रबंधन करने वाली संस्था गंगा सभा ने आपत्ति जताई थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 11 नवंबर को हर-की-पौड़ी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और लाइट शो का आयोजन किया गया। जिसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत कई अन्य बीजेपी नेता मौजूद रहे। हरिद्वार जिला प्रशासन ने प्रोटोकॉल के तहत पिरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद, मंगलौर से कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन और लक्सर से बसपा के मोहम्मद शहजाद को आमंत्रित किया था। हालांकि कोई भी विधायक इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ।
बजरंग दल ने भी इस कार्यक्रम में मुस्लिम विधायकों को बुलाए जाने का विरोध किया था। बजरंग दल के राज्य समन्वयक अनुज वालिया ने कहा कि हमने विधायकों को बुलाए जाने का कड़ा विरोध किया था। जिसके बाद प्रशासन ने अपनी गलती मानी। और फिर हमें यह बताया कि विधायक कार्यक्रम में नहीं आएंगे। वही गंगा सभा संस्था ने इन विधायकों को बुलाए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इन विधायकों को आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था क्योंकि लंबे समय से गैर -हिंदुओं को घाट पर प्रवेश की अनुमति नहीं है। और अंग्रेजों ने भी इसके लिए हरिद्वार अधिनियम 1935 के तहत एक नियम बना दिया था।
इस पूरे विवाद पर मुस्लिम विधायकों की भी प्रतिक्रिया आई है। लक्सर से बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने कहा, हमें दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध की परवाह नहीं है। हम गंगा और हर-की-पौड़ी की पवित्रता को जानते हैं और उसका सम्मान करते हैं। मैं सरकारी कार्यक्रमों में नहीं जाता क्योंकि बीजेपी नेता उन्हें हाईजैक कर लेते हैं, और चुने हुए जनप्रतिनिधियों का स्वागत नहीं किया जाता। वहीं कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि जब यह कार्यक्रम हुआ तो वे और फुरकान अहमद राज्य में नहीं थे। दरअसल काजी निजामुद्दीन और फुरकान अहमद दोनों महाराष्ट्र चुनाव में प्रचार कर रहे हैं।