एक महिला और दो बच्चो के शव बरामद होने के बाद इम्फाल में भड़की हिंसा, मंत्रियो और विधायको के आवास पर भीड़ ने किया तोड़फोड़

फारुख हुसैन

डेस्क: असम-मणिपुर सीमा के निकट जिरी नदी में शुक्रवार को एक महिला और दो बच्चों के शव बरामद होने की ख़बर आई थी। इसके बाद, शनिवार को भीड़ ने इंफाल घाटी के कई विधायक और मंत्रियों के घरों पर हमला कर दिया और कई वाहनों में आग लगा दी। एक विधायक ने बताया कि इंफाल घाटी के कुछ जिलों में बड़े पैमाने पर हिंसा की खबरें आ रही हैं। प्रशासन ने हालात को देखते हुए राजधानी इंफाल समेत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है। कई जगह इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।

फिलहाल मैतेई समुदाय बहुल इंफाल घाटी में स्थिति काफ़ी तनावपूर्ण बनी हुई है। इंफाल वेस्ट के पुलिस अधीक्षक मेघचंद्रा ने इलाके में भीड़ द्वारा की गई हिंसा की पुष्टि की है। ज़िले में बिगड़ते माहौल को देखते हुए प्रशासन ने इलाक़े में कर्फ्यू लगा दिया है। संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। अब स्थिति थोड़ी नियंत्रण में है।’ दरअसल, 11 नवंबर को जिरीबाम ज़िले के बोरोबेकरा थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ़ के साथ हुई एक कथित मुठभेड़ के बाद वहां राहत शिविर में रह रहे 6 लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी।

इन लापता लोगों में एक 60 साल की एक बुजुर्ग समेत तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। ये सभी लोग मैतेई समुदाय से थे। इस घटना को लेकर मैतेई लोगों का आरोप था कि हथियारबंद चरमपंथियों ने इन लोगों का अपहरण किया है। बीते दो दिनों से इंफाल में जगह-जगह महिलाएं लापता लोगों की तलाश किए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश दिख रहा था। इस बीच, पांच दिन बाद यानी शुक्रवार को जिरीमुक गांव के पास जिरी नदी से एक महिला और दो बच्चों के शव बरामद हुए थे।

फिलहाल पुलिस की तरफ से इन शवों की शिनाख़्त को लेकर किसी तरह की पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये शव लापता लोगों के ही हैं। इसके बाद इंफाल घाटी में जमा हुए लोगों ने स्थानीय विधायक और मंत्रियों के घरों पर धावा बोल दिया। मणिपुर विधानसभा में नेशनल पीप्लस पार्टी के विधायक शेख नूरुल हसन ने मीडिया से कहा, ‘क़रीब सौ-डेढ़ सौ लोगों की भीड़ शाम करीब 4 बजे उनके घर पर आई थी। मैं अभी दिल्ली आया हुआ हूं, इसलिए मैंने फोन पर ही भीड़ में आए कुछ लोगों से बात की। उन लोगों का कहना था कि मौजूदा विधायक-मंत्री मणिपुर की स्थिति को संभाल नहीं पा रहे हैं, इसलिए वे इस्तीफ़ा देने की मांग कर रहे थे। मैंने उन लोगों की सभी मांग मान ली। लिहाजा वो मेरे घर पर हमला किए बिना वापस लौट गए। मैंने उन लोगों से कहा है कि जो जनता कहेगी, मैं वैसा करने को तैयार हूं।’

उधर, निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह के घर पर लोगों के एक समूह ने हमला किया और उनके मकान के गेट के सामने बने बंकरों को नष्ट कर दिया। इसी भीड़ ने इंफाल वेस्ट ज़िले के सागोलबंद क्षेत्र से विधायक आरके इमो के घर पर भी धावा बोला और फर्नीचर समेत कई सारी चीजों को जला दिया। मणिपुर में मैतेई समुदाय के प्रमुख संगठन कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी ने राज्य सरकार के समक्ष अगले 24 घंटों के भीतर वार्ता में शामिल कुकी चरमपंथी संगठनों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई करने की मांग रखी है। इस संगठन ने रविवार से इंफाल घाटी में व्यापक आंदोलन शुरू करने का एलान किया है। राज्य में पैदा हुए मौजूदा हालात को देखते हुए प्रशासन ने इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर ज़िलों में दो दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया है।

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