चुनावी सभा को संबोधित करते हुवे एएमयु पर बोले सीएम योगी ‘ये कैसे हो सकता है कि भारत के संसाधनों से पलने वाला एक संस्थान जो SC/ST/OBC को आरक्षण नहीं देता है, लेकिन वहां पर मुसलमानों के 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है’
तारिक खान
डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करते समय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर बयान देते हुवे कहा है कि भारत की जनता के टैक्स और भारत के संसाधनों का उपयोग करके चलने वाली संस्था एससी/एसटी/ओबीसी को आरक्षण नही देती है और मुसलमानों को 50 फीसद आरक्षण देती है।
उन्होंने कहा, ‘आपने देखा होगा कल माननीय उच्चतम न्यायालय में ये बहस हो रही थी कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय बनाना चाहिए या वह एक सामान्य संस्था के रूप में रहनी चाहिए। याद करिए ये कैसे हो सकता है कि भारत के संसाधनों से पलने वाला, भारत की जनता के टैक्स से चलने वाला, एक ऐसा संस्थान जो अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और पिछड़े समुदाय से आने वाले लोगों को आरक्षण नहीं देता है। लेकिन वहां पर मुसलमानों के 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था, वे लोग स्वंय के माध्यम से करने का प्रयास करते हैं और यही मामला चल रहा है उच्चतम न्यायालय में।’
उन्होंने कहा कि ‘भारत का संविधान अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर पिछड़ी जाति के लोगों आरक्षण की सुविधा देता है। लेकिन ये सुविधा मुस्लिम विश्वविद्यालय में क्यों नहीं मिल पाती है। जब भारत का पैसा लगा है तो अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति के लोगों को भी वहां आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। वहां नौकरी में भी मिलना चाहिए और अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति के बच्चों को प्रवेश में भी मिलना चाहिए।’
सीऍम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा अपने वोट बैंक को बचाने के लिए आपकी भावना के साथ, राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ समझौता कर रहे हैं।’ बताते चले कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने साल 1967 के अपने उस फ़ैसले को पलट दिया था जिसके तहत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा हासिल नहीं हो सकता था। साल 1967 के फ़ैसले के मुताबिक़, एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त नहीं है, क्योंकि इसकी स्थापना कानून के ज़रिए की गई थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसी फ़ैसले को पलटते हुए कुछ परीक्षण भी निर्धारित किए हैं। अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर अगली सुनवाई या फ़ैसला इन्हीं परीक्षणों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।