असम पुलिस ने बाल विवाह के आरोप में बीती रात किया 416 लोगो को गिरफ्तार
आफताब फारुकी
डेस्क: असम पुलिस ने बाल विवाह के ख़िलाफ़ एक बार फिर बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए बीती रात 416 लोगों को गिरफ़्तार किया है। इनमें सबसे ज़्यादा गिरफ़्तारियां बांग्लादेश की सीमा से सटे धुबरी ज़िले में की गई हैं। असम पुलिस के अनुसार धुबरी ज़िले के अलग-अलग इलाक़ों से बाल विवाह कराने के आरोप में रविवार तड़के तक 68 लोगों को पकड़ा गया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाल विवाह के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर बताया कि पुलिस ने 335 मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया, ‘असम बाल विवाह के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है। 21-22 दिसंबर की रात को शुरू किए गए तीसरे चरण के अभियान में 416 गिरफ़्तारियां की गई हैं और 335 मामले दर्ज किए गए हैं। गिरफ़्तार किए गए लोगों को आज अदालत में पेश किया जाएगा। हम इस सामाजिक बुराई को ख़त्म करने के लिए साहसिक क़दम उठाते रहेंगे।’
हालांकि, असम सरकार की इस कार्रवाई को ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़) ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ अन्याय बताया है। एआईयूडीएफ़ विधायक अमीनुल इस्लाम ने इन गिरफ़्तारियों पर सवाल उठाते हुए मीडिया से बताया कि ‘पुलिस ने मेरे विधानसभा क्षेत्र मनकाचर से कल रात 38 लोगों को पकड़ा है। ये मुसलमानों के ख़िलाफ़ सरासर अन्याय है।
इस साल राज्य सरकार ने असम अनिवार्य मुस्लिम विवाह और तलाक़ पंजीकरण अधिनियम, 2024 बनाया है, लिहाज़ा इस क़ानून के बनने के बाद जो लोग बाल-विवाह कर रहे हैं उनको पकड़ा जाना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री 5-6 साल पुराने मामले में लोगों को पकड़ रहे हैं। उन पर बलात्कार के आरोप लगा रहे हैं। यह पूरी तरह से ग़ैर-क़ानूनी कार्रवाई है।’ वहीं मुख्यमंत्री हिमंत का दावा है कि 2026 से पहले राज्य में बाल-विवाह को पूरी तरह रोक दिया जाएगा।
इससे पहले असम सरकार ने 2023 में फ़रवरी और अक्तूबर में दो चरणों में बाल विवाह के ख़िलाफ़ अभियान शुरू किया था। फ़रवरी में पहले चरण में 3,483 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था और 4,515 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि अक्तूबर में दूसरे चरण में 915 लोगों को गिरफ़्तार किया गया और 710 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा सरकार ने इस साल की शुरुआत में मुस्लिम विवाह और तलाक़ अधिनियम 1935 को निरस्त कर दिया था ताकि कोई भी क़ाज़ी चोरी-छिपे बाल-विवाह न करा सके।