नोटों के बदले सोने चांदी की ईंट बनवा लेता था भोपाल का पूर्व आरटीओ सौरभ शर्मा, 8 करोड़ की अकूत संपत्ति बरामदगी पर बोली कांग्रेस ‘अभी तो ये छोटी मछली है, मगरमच्छ पकडे जाने बाकि है’
ईदुल अमीन
डेस्क: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व सड़क परिवहन कांस्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़ी संपत्ति इस वक्त सुर्खियाना पा रही है। सौरभ शर्मा के खिलाफ जाँच और छापेमारी में अधिकारियों ने 234 किलो चांदी के सामान, 2.87 करोड़ रुपये कैश, हीरे के गहने और लग्जरी कारों समेत अकूत संपत्ति मिलने की बात कही है। इन सब की कुल क़ीमत लगभग 8 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
सौरभ शर्मा ग्वालियर के रहने वाले हैं। 2016 में उनकी पिता की मौत के बाद, वो अनुकंपा नियुक्ति के ज़रिए परिवहन विभाग में शामिल हुए। शुरुआत में उन्हें ग्वालियर में तैनात किया गया। बताया जाता है कि 2020 तक उन्होंने मध्य प्रदेश के आधा दर्जन चौकियों पर कंट्रोल हासिल कर लिया। बाद में वो कॉन्स्टेबल बने। बीते साल, 2023 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। बताया जाता है कि तब से वो रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
VIDEO | Bhopal: “The biggest scam has come to light. Where did so much money and wealth come from? Where is this Saurabh Sharma?” says Congress leader Digvijaya Singh (@digvijaya_28) in a press conference.
A former constable in Madhya Pradesh was found in possession of assets of… pic.twitter.com/jeVciainjN
— Press Trust of India (@PTI_News) December 24, 2024
सौरभ शर्मा फिलहाल फरार हैं। इसे लेकर कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि ये तो मछली है, अभी तो बड़े-बड़े मगरमच्छ पकड़े जाने हैं। न्यूज़ एजेंसी PTI के साथ बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि सबसे बड़ा घोटाला पकड़ा गया है। ये सौरभ शर्मा हैं कहां, उन्हें तुरंत गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘कमलनाथ सरकार में परिवहन विभाग में पारदर्शिता के लिए बोर्ड गठन किया गया था। बाद में जब उनकी सरकार गिरी, तो शिवराज सरकार में बोर्ड को भंग किया गया और ज़्योतिरादित्य सिंधिया के दबाव पर गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन और राजस्व विभाग दिया गया। अभी तो मगरमच्छ बाक़ी हैं।’
लोकायुक्त के स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट ने 19-20 दिसंबर को सौरभ के घर और ऑफ़िस में तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान, 7।98 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की गई थी। बताया गया कि शर्मा के घर से अधिकारियों ने 2.21 करोड़ रुपये के घरेलू सामान और वाहन, 50 लाख रुपये के सोने और हीरे के गहने और 1.15 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की। इनकी कुल क़ीमत 3.86 करोड़ रुपये बताई गई। वहीं, उनके ऑफ़िस में 30 लाख रुपये का घरेलू सामान, 1.72 करोड़ रुपये की नकदी और 2.10 करोड़ रुपये मूल्य की 234 किलोग्राम चांदी। इनकी कुल क़ीमत 4.12 करोड़ रुपये बताई गई।
इसके अलावा कई डॉक्यूमेंट्स भी मिले। उनकी जांच की जा रही है। इससे पहले, आयकर विभाग (IT) ने भोपाल के पास जंगल में एक ‘लावारिस कार’ से 52 किलो सोना और 9.86 करोड़ रुपये नकद बरामद किया था। जांच में पता चला कार चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड है। अधिकारियों का कहना है कि चेतन सिंह गौर, सौरभ शर्मा का क़रीबी है। ऐसे में सौरभ शर्मा की भूमिका के बारे में जांच की जा रही है। लोकायुक्त टीम के एक सीनियर अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चेतन सौरभ शर्मा का सहयोगी है और दोनों ग्वालियर के रहने वाले हैं। अधिकारी ने कहा, चेतन सिंह ने बताया कि कार उसके नाम पर थी, लेकिन उसका इस्तेमाल शर्मा ने किया। आयकर विभाग की पूछताछ के बाद चेतन की हिरासत की मांग करेंगे।
अधिकारी फिलहाल सौरभ शर्मा की जांच में जुटे हुए है। अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को आगे बताया कि सौरभ शर्मा की मां ने उसके एक स्कूल के लिए डॉक्यूमेंट संबंधी काम के सिलसिले में मुंबई जाने की बात कही। सूत्रों का कहना है कि हो सकता है वो दुबई में हो। लोकायुक्त डायरेक्टर जनरल जयदीप प्रसाद का कहना है कि सौरभ शर्मा के ख़िलाफ़ 18 दिसंबर, 2024 को मामला दर्ज किया गया था, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आय से अधिक संपत्ति का। ये मामला भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में लोकपाल को मिली शिकायतों के आधार पर दर्ज किया गया। इसके बाद, लोकायुक्त टीम ने स्थानीय कोर्ट से सौरभ के आवास और ऑफ़िस की तलाशी का वारंट लिया।
ये आवास भोपाल के अरेरा कॉलोनी में स्थित है। आजतक ने अपने सूत्रों के माध्यम से लिखा है कि सौरभ नगदी की बजाय सोने और चांदी पर ज़्यादा भरोसा करता था। इसीलिए वो ज़्यादातर कैश को सोने या चांदी में बदल देता था। इसके पीछे दोनों धातुओं पर निवेश के बदले मिलने वाले रिटर्न को वजह बताया गया। सूत्रों का कहना है कि सोने और चांदी जितनी में खरीदी जाती है, आगे चलकर उससे ज्यादा में ही बिकती है। वहीं, अगर चांदी या सोना बार (ईंट) की शक्ल में हों, तो उसपर लेबर भी नहीं लगता। यही वजह है कि सौरभ के घर से ज्वेलरी से ज़्यादा चांदी मिली है। वो भी ईंटों के रूप में, जिसपर लेबर चार्ज भी नहीं देना होता। सूत्रों के मुताबिक़, बड़ी संख्या में नोटों को रखने के साथ सौरभ को संभवतः उनके खराब होने का डर रहा होगा। मसलन, लंबे समय तक नोट रखे गए, तो दीमक या चूहे के कुतरने का।