बिहार: अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में लोकगायिका देवी ने गया भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ तो हुआ हंगामा, गायिका को माँगना पड़ा माफ़ी, पढ़े क्या है पूरा मामला

अनिल कुमार

पटना: बिहार में 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में जिसको शिक्षाविद् मदन मोहन मालवीय की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष पर अटल विचार परिषद और दिनकर न्यास समिति ने संयुक्त रूप से पटना के बापू सभागार में आयोजित किया था और जिस अटल विचार परिषद के संरक्षक पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे हैं। उस कार्यक्रम में एक लोकगायिका को रघुपति राघव राजा राम भजन गाने पर माफ़ी मंगनी पड़ी है।

इस कार्यक्रम में लोकगायिका देवी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाने पर माफ़ी मांगनी पड़ी है। इस कार्यक्रम के आयोजनकर्ता अर्जित शाश्वत चौबे के अनुसार कार्यक्रम में पहले दिन गांधी मैदान में अटल दौड़ का आयोजन था और दूसरे दिन देशभर से आए लोगों को अटल सम्मान दिया जाना था। अर्जित शाश्वत चौबे बिहार की भागलपुर विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं।

अर्जित का कहना है कि ‘चूंकि लोकगायिका देवी की फ्लाइट थी इसलिए उनको अटल सम्मान देने के बाद उनसे एक गीत सुनकर उन्हें विदा करना था। उन्होंने गांधी और अटलजी दोनों का प्रिय भजन गाया, जिस पर पीछे बैठे पांच-छह लोग शोर करने लगे। बापू सभागार में हजारों लोग जुटे थे और ये एक खुला कार्यक्रम था। मैं उन लोगों को नहीं पहचानता जिन्होंने ये किया। अर्जित कहते हें कि ये पूरी घटना सिर्फ़ दो मिनट तक हुई। अर्जित के मुताबिक़ इस कार्यक्रम के दौरान सांसद रविशंकर प्रसाद, संजय पासवान, सीपी ठाकुर भी मंच पर मौजूद थे।

इस घटना के वायरल वीडियो में दिख रहा है कि रघुपति राघव राजा राम गाने के बाद देवी सबसे माफ़ी मांगते हुए कहती हैं, ‘अगर आप हर्ट (आहत) हुए हैं तो मैं उसके लिए सबको सॉरी कहती हूं। देवी के ये कहने के बाद वो पोडियम के पास से हटती हैं और बीजेपी नेता अश्विनी चौबे ‘जय श्री राम’ का नारा लगवाते हैं। हालांकि, अर्जित शाश्वत चौबे का दावा है कि पांच से छह लोगों ने ही हंगामा किया, लेकिन दैनिक अखबार ‘प्रभात खबर’ की रिपोर्ट के मुताबिक़ 60-70 युवा कार्यकर्ताओं ने वहां हंगामा किया।

अखबार लिखता है, ’60-70 युवा कार्यकर्ता नाराज होकर अपने स्थान पर खड़े होकर नारा लगाने लगे। जिस पर देवी ने कहा कि भगवान एक है और उनका उद्देश्य केवल राम को याद करना था। हालांकि इसका असर नहीं हुआ तो आयोजकों ने बीच में हस्तक्षेप किया।’ इस घटना के तुरंत बाद लोकगायिका देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘लोगों की अलग-अलग भावनाएं होती हैं। मैंने रघुपति राघव गाना गाया जिसको भारत में सभी लोग गाते हैं। हमारा हिंदू धर्म बहुत बड़ा है, जो सबको अपने में समाहित करता है। मेरा मानना है कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। लेकिन यहां बहुत सारे जो लोग आए थे उनको शायद अल्लाह के नाम से दुख पहुंचा है। ऐसे में उन लोगों से मैं माफ़ी मांगती हूं। लेकिन मेरा मानना है कि सबको मानवता का धर्म अपनाना चाहिए।’

इस मामले में गांधी संग्रहालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी आसिफ वसी ने मीडिया से अपने विचार व्यक्त करते हुवे कहा कि ‘जिस आइडियोलॉजी के लोगों का कार्यक्रम हुआ उन्हें रघुपति राघव से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन ईश्वर अल्लाह में ‘अल्लाह’ शब्द से दिक्कत है। नीतीश जी की एप्रोच गलत नहीं है, लेकिन जिनके साथ वो सरकार में है, वो तो ‘अल्लाह’ को पसंद नहीं करते।’

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