सीजेआई संजीव खन्ना ने चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति सम्बन्धी एक महत्वपूर्ण केस से खुद को किया अलग

तारिक खान

डेस्क: भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। संसद में दिसंबर, 2023 में पारित एक कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है। याचिकाकर्ता चाहते हैं कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के 18 फरवरी, 2025 को रिटायर होने से पहले कोर्ट सुनवाई पूरी कर ले। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अब 20 जनवरी तक टाल दी है।

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की बेंच ने 2 मार्च, 2023 को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर एक फैसला सुनाया था। इसके तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक कमेटी को करनी थी। इस कमेटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे। लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं होने की स्थिति में संख्याबल के आधार पर सबसे बड़ी पार्टी के नेता को कमेटी में शामिल किए जाने की बात थी। जो अपनी\ सिफारिश राष्ट्रपति से करती।

लेकिन कोर्ट के इस फैसले के लगभग 7 महीने बाद यानी दिसंबर, 2023 में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर संसद में एक कानून पारित किया गया। इस कानून के तहत कमेटी से भारत के मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया गया। इस कानून के खिलाफ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता जया ठाकुर समेत कई लोगों ने जनवरी, 2024 में एक याचिका दायर की। याचिका में दलील दी गई कि नया कानून चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र सिस्टम नहीं प्रदान करता है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *