हिरासत में यातना देने के आरोप में पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को अदालत ने किया ब-इज्ज़त बरी
माही अंसारी
डेस्क: हिरासत में यातना देने के मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट को गुजरात की पोरबंदर की एक अदालत ने बरी कर दिया है। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश पंड्या ने पोरबंदर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) भट्ट को उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दर्ज मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
अदालत ने संजीव भट्ट को आईपीसी की धारा 326, 330 और 34 के तहत सबूतों के अभाव में बरी किया है। संजीव भट्ट फ़िलहाल जामनगर कस्टोडियल डेथ के मामले में और पालनपुर के एक वकील को झूठे मामले में फंसाने के आरोप में राजकोट सेंट्रल जेल में बंद हैं।
संजीव भट्ट और एक कॉन्स्टेबल पर टाडा एक्ट के एक मामले के तहत एक अभियुक्त को पुलिस हिरासत में पीटने और उसे करंट लगाने का आरोप लगा था।