अदालत के हुक्म से चंदौली के पूर्व एसपी सहित 18 पुलिस कर्मियों पर 27 नवम्बर की दोपहर दर्ज मुक़दमे में 30 नवम्बर को लगाया पुलिस ने खारिजा रिपोर्ट, शिकायतकर्ता कांस्टेबल पर कार्यवाही की अब तैयारी
ईदुल अमीन
गाजीपुर: चंदौली के पूर्व एसपी अमित कुमार द्वितीय सहित 18 पुलिस कर्मियों के खिलाफ अदालत के हुक्म से धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के आरोपी में दर्ज 27 नवम्बर को दर्ज हुवे ऍफ़आईआर में पुलिस ने 30 नवम्बर को खारिज (ऍफ़आर) लगा कर अदालत को 182 के तहत रिपोर्ट भेज दिया है। मिल रही जानकारी के अनुसार इस मामले में अब कांस्टेबल पर कार्यवाही की तैयारी पुलिस कर रही है।
नंदगंज थाने की पुलिस ने 27 नवंबर की रात में 12:22 बजे मुकदमा दर्ज किया था। ये मुकदमा चंदौली में तैनात वाराणसी के भुल्लनपुर निवासी कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह की तहरीर और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के 156(3) आदेश के तहत दर्ज हुआ था। साथ ही विवेचना भी शुरू हुई, लेकिन जांच में पाया गया कि शिकायतकर्ता ने पूरे प्रकरण की झूठी कहानी रची है। पुलिस के मुताबिक 2021 के मामले में शिकायतकर्ता बर्खास्त हो गया था।
उस पर डकैती, गो-तस्करी आदि का आरोप है। विभागीय स्तर से बर्खास्त होने के बाद पुलिस ने गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई की थी और वो जेल भी गया था। हालांकि जेल जाने के बाद शिकायतकर्ता कोर्ट की शरण में गया और जमानत लेकर बाहर आया और नौकरी करने लगा। हालांकि पुलिस के मुताबिक कोर्ट में जमानत के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र में उसने घटनाक्रम का जिक्र नहीं किया था। इधर, खुद को बचाने और अपनी खुन्नस निकालने के लिए झूठी कहानी रची और 156(3) के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र दे दिया।
अदालत ने ने 21 सितंबर 2024 को मुकदमा दर्ज करते हुए विवेचना का आदेश नंदगंज पुलिस को दिया था। मेल में एसपी डॉ0 ईरज राजा ने बताया कि सीजेएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। शिकायतकर्ता ने कोर्ट में तथ्यों को छिपाकर प्रार्थना पत्र दिया था। जबकि कोई घटनाक्रम हुआ ही नहीं। इस कारण विवेचना बंद कर मुकदमा को खारिज (स्पंज) कर दिया गया। साथ ही जुर्म खारिजा रिपोर्ट 30 नवंबर को कोर्ट में प्रेषित कर दी गई।