राज्य सरकार ने नहीं दिया इजाज़त तो भी आयोजित हुई उत्तराखंड के उत्तर काशी में दशको पुरानी मस्जिद को तोड़ने के लिए सरकार पर दबाव बनाने हेतु ‘महापंचायत’, भारी सुरक्षा के बीच चल रही ‘महापंचायत’

निलोफर बानो

डेस्क: उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में 55 साल पुरानी मस्जिद से जुड़े एक विवाद को लेकर महापंचायत चल रही है। ये विवाद तब बढ़ गया, जब बीते दिनों एक समुदाय से जुड़े धार्मिक संगठन ने मस्जिद को अवैध बताते हुए प्रशासन के ख़िलाफ़ जनाक्रोश रैली आयोजित की थी।

रैली के दौरान तनाव हो गया था जिसके बाद पुलिस ने आठ लोगों को नामज़द किया था और 200 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया था। इसके बाद देवभूमि विचार मंच नाम के एक संगठन ने यह उत्तरकाशी में महापंचायत का आयोजन किया है। ज़िला प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ महापंचायत की अनुमति दी है। इस दौरान एहतियात के तौर पर जगह-जगह पुलिस बल को तैनात किया गया है।

साथ ही प्रशासन ने कहा है कि महापंचायत के दौरान किसी व्यक्ति के हाथ में लाठी, डंडा या किसी भी तरह का कोई हथियार नहीं होना चाहिए। उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोभाल ने बताया, ‘महापंचायत के मद्देनज़र सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किये गये हैं। बड़ी संख्या में फ़ोर्स लगाई गई है। आयोजकों से कहा गया है कि वो शर्तों का पालन करें।’ इससे पहले अल्पसंख्यक सेवा समिति के वकील ने मस्जिद की सुरक्षा के मद्देनज़र 20 नवंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

22 नवंबर को हाईकोर्ट की तरफ़ से क़ानून व्यवस्था बनाये रखने का आदेश किया गया था। जिसके बाद 27 नवंबर को महापंचायत पर रोक लगाने को लेकर बहस हुई थी। अल्पसंख्यक सेवा समिति के वकील कार्तिकेय हरी गुप्ता ने बताया, ‘हमने 27 नवंबर की सुनवाई में कोर्ट महापंचायत पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। हम अगली सुनवाई में कोर्ट के सामने यह मुद्दा उठाएंगे।’

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