मंगलवार से गाज़ियाबाद में आयोजित होने वाली धर्म संसद को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने दाखिल किया सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका

मो0 कुमेल

डेस्क: गाजियाबाद में हिंदू कट्टरवादी धर्मगुरु यति नरसिंहानंद द्वारा मंगलवार 17 दिसंबर से आयोजित होने वाली धर्म संसद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दाखिल हुई है, जिसमें सेवानिवृत्त सिविल सेवक भी याचिकाकर्ता है। इन पूर्व नौकरशाहों का कहना है कि यति नरसिंहानंद पहले भी कई बार मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान कर चुके हैं।

बताते चले कि गाजियाबाद धर्म संसद मंगलवार 17 दिसंबर से शुरू होकर 21 दिसंबर तक चलेगी। सोमवार (16 दिसंबर) को वकील प्रशांत भूषण ने भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के समक्ष इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मौखिक रूप से उल्लेख किया। सीजेआई ने भूषण से तत्काल आवेदन दायर करने को कहा, जिसके बाद भूषण ने एक आवेदन दायर किया।

अदालत का रुख करने वाले वरिष्ठ नौकरशाहों और कार्यकर्ताओं में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अरुणा रॉय, सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी अशोक कुमार शर्मा, देब मुखर्जी और नवरेखा शर्मा, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद और सामाजिक शोधकर्ता विजयन एमजे शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि गाजियाबाद जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश पुलिस जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना ​​कर रहे हैं।

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी सक्षम प्राधिकारियों को सांप्रदायिक गतिविधियों और नफरत फैलाने वाले भाषणों में शामिल व्यक्तियों या समूहों के खिलाफ स्वत: कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस धर्म संसद की वेबसाइट और विज्ञापनों में इस्लाम के अनुयायियों के खिलाफ कई सांप्रदायिक बयान शामिल हैं, जो मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काते हैं।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *