स्व. मोती राज सिंह की 8वीं पुण्यतिथि पर जरखोर कला में सेवा और सहयोग की पेश हुई अनोखी मिसाल, बोले वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत ‘माता-पिता की स्मृति में समाज के लिए कुछ करना एक सच्चा धर्म’

ए0 जावेद

चंदौली: ठंड की ठिठुरती सुबह, जरखोर कला के लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आई। स्वर्गीय मोती राज सिंह की आठवीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनके परिवार और प्रियजनों ने एक ऐसा आयोजन किया जिसने न केवल जरखोर कला, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों के दिलों को छू लिया। 30 दिसंबर 2024 को आयोजित कंबल वितरण और फ्री मेडिकल कैंप ने उन लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी जो शायद इस सर्दी की मार झेलने को मजबूर थे। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, यह स्वर्गीय मोती राज सिंह के आदर्शों को समाज में जीवित रखने का एक ईमानदार प्रयास था।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए चंदौली के सांसद वीरेंद्र सिंह ने गहरी भावुकता के साथ कहा, ‘हमने अपने बड़े-बुजुर्गों से यही सीखा है कि जीवन का सबसे बड़ा धर्म सेवा है। जब हम ठंड में कंबल ओढ़कर सोते हैं, तो क्या हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारे आस-पास कोई ऐसा है जो ठंड से ठिठुर रहा है? स्वर्गीय मोती राज सिंह का जीवन इसी सेवा के आदर्शों का प्रतीक था। उनके जैसे व्यक्तित्व समाज को जोड़ते हैं। आज का यह आयोजन उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।’ सांसद ने आयोजकों की प्रशंसा करते हुए भरोसा दिलाया कि इस तरह के कार्यों के लिए वह हमेशा सहयोग करेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक विजय विनीत का संबोधन भी दिल को छू लेने वाला था। उन्होंने कहा, ‘माता-पिता की स्मृति में समाज के लिए कुछ करना एक सच्चा धर्म है। यह आयोजन हमें यह सिखाता है कि सेवा का असली अर्थ क्या है। ठंड के इस मौसम में जब कंबल जरूरतमंदों के कंधों पर डाला जाता है, तो वह केवल कपड़ा नहीं, बल्कि प्यार और दुआओं का बंधन बन जाता है।’ उन्होंने आनंद सिंह के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पहल दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

इस आयोजन के पीछे मुख्य प्रेरणा थे स्वर्गीय मोती राज सिंह के पुत्र आनंद सिंह। उन्होंने अपनी मां की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा, ‘मां हमेशा कहती थीं कि किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना सबसे बड़ा पुण्य है। उनकी 8वीं पुण्यतिथि पर यह आयोजन उनके संस्कारों को जीवित रखने का प्रयास है। गरीबों और असहायों की मदद करना केवल उनका सपना नहीं था, बल्कि यह हमारे परिवार का वचन है।’

आनंद सिंह ने वंचित समुदाय के लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना और कहा कि यह शुरुआत है। ‘हम हर साल इस कार्यक्रम को और बड़े पैमाने पर आयोजित करते रहेंगे। जरूरतमंदों की मदद के लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे।’ सपा के जिला अध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ने इस कार्यक्रम की जमकर सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘आज जब समाज में आत्म-केंद्रित जीवन शैली बढ़ रही है, ऐसे में इस तरह के आयोजन समाज सेवा की मिसाल हैं। स्वर्गीय मोती राज सिंह का जीवन हमें यह सिखाता है कि दूसरों की मदद करने से बड़ी कोई बात नहीं होती। यह आयोजन ठंड से जूझ रहे लोगों के लिए राहत लेकर आया है।” उन्होंने आयोजनकर्ता आनंद सिंह और उनकी टीम को बधाई देते हुए समाज सेवा में हरसंभव सहयोग देने का वादा किया।

कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियां

1: कंबल वितरण: सैकड़ों जरूरतमंदों को ठंड से बचाने के लिए कंबल दिए गए। जब बुजुर्ग महिलाओं ने कंबल ओढ़ते हुए “मां की ममता जैसी गर्मी” की बात कही, तो माहौल भावुक हो गया।

2: फ्री मेडिकल कैंप: अनुभवी डॉक्टरों ने स्वास्थ्य जांच की और मुफ्त दवाइयां वितरित कीं। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसी सेवाएं उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं।

3: समाज संवाद: आयोजन स्थल पर ग्रामीणों और आगंतुकों ने अपनी समस्याओं को साझा किया। आनंद सिंह ने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

जरखोर कला का यह आयोजन न केवल वंचित समुदाय की मदद का माध्यम बना, बल्कि इसने समाज में सेवा और सहयोग की भावना को भी नई दिशा दी। सैकड़ों लोगों ने स्वर्गीय मोती राज सिंह के आदर्शों को सलाम किया। इस मौके पर एसडीएम अविनाश कुमार, सपा जिला उपाध्यक्ष महेंद्र मौर्य, इंजी0 अमित पटेल और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। आयोजन स्थल से लौटते हुए हर किसी के मन में एक ही बात थी – “मदद का हाथ बढ़ाना ही सच्ची मानवता है।”

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