तारिक आज़मी की मोरबतियाँ: नगर आयुक्त साहब पार्षद तो सुनिहे नाही, बेनिया स्थित कुरैशाबाद (चिकियाने) की गली आप ही ठीक करवा दे, रोज़ एक-दो ई-रिक्शा पलट जाता है
तारिक आज़मी
वाराणसी: वाराणसी का स्मार्ट नगर निगम खुद को सुपर से भी दो तल्ला ऊपर का स्मार्ट होने का दावा करता है। हमारे काका तो कहते है कि देख बाबु जे सुपर से उप्पर का स्मार्ट होता है, उसकी मजबूती खोखली होती है। ऐसा ही कुछ हाल नगर निगम वाराणसी का बना हुआ है। गलियों के चमकदार होने के दावे कागजों पर भले हो रहे हो, मगर विकास कार्य की स्थिति अगर आपको देखनी है तो बेनिया आकर देख ले।
बेनिया स्थित पानदरीबा पुलिस चौकी के ठीक पीछे इलाका है कुरैशाबाद। इसको प्यार से लोग चिकियाना नाम से पुकारते है। इस इलाके से दर्शनार्थियों को लेकर सैकड़ो ई-रिक्शा रोज़ गुज़रते है। गली ऊँची-नीचे उबड़खाबड़ होने के कारण रोज़ ही एक दो ई-रिक्शा धडाम हो जाते है और उसमे बैठी सवारी चारो खाने चित गली में गिरी दिखाई देती है।
इसका मुख्या कारण है कि यहाँ की ख़राब सीवर लाइन की मरम्मत जलकल ने करवाया था। मरम्मत के बाद कुछ जगहे ऐसी है जहा चौका 8-9 इंच ऊपर नीचे है। इन चौको के उंच नीच का शिकार बेचारे निरीह ई-रिक्शा के चक्के हो जाते है, और कोमल ई-रिक्शा उलट पड़ता है। इस जलकल को काम खत्म किये हुवे अरसा गुज़र गया है, अब लोग दौड़ स्थानीय पार्षद के लिए लगा रहे है, मगर पार्षद साहब तनिक अधिक व्यस्त होने के कारण इस तरफ ध्यान नही देते है।
ख़ास तौर पर इस वैकल्पिक मार्ग का प्रयोग ई-रिक्शा चालक इस कारण भी करते है क्योकि बेनिया से नई सड़क के तरफ ई-रिक्शा जाना प्रतिबंधित है। इस कारण बेनिया के ठीक पहले से ही ई-रिक्शा इस वैकल्पिक मार्ग से होते हुवे नई सड़क चौराहे तक जाते है और वापसी भी इसी मार्ग से करते है। ऐसे में इतनी ख़राब गली होने के कारण कोई ऐसा दिन नहीं गुज़रता जिस दिन एक दो ई-रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट न जाते हो।
ऐसे में अब उम्मीद की आखरी किरण सिर्फ नगर आयुक्त साहब ही दिखाई दे रहे है। सभी आंखे बंद कर वन्दन इस बात का कर रहे है कि कब नगर निगम अपनी चिरनिंद्रा से जाग कर इस वैकल्पिक मार्क का कायाकल्प करता है। फिलहाल तो ई-रिक्शा गिरने का क्रम जारी है, साथ ही नगर निगम की गहरी नींद भी जारी है।