क़र्ज़ न वापस करना पड़े इसके लिए एक डाक्टर ने रची खौफनाक साज़िश, अपनी ही कार में एक बेकसूर युवक को जिंदा जलाया, शातिराना दिमाग होने के बावजूद भी चढ़ गया पुलिस के हत्थे
तारिक खान
डेस्क: सहारनपुर देहात कोतवाली ने हत्या के एक मामले का खुलासा करते हुवे जब हत्यारोपी को गिरफ्तार किया तो हकीकत जानकार उसके शातिर दिमाग को सभी सोच में पड़ गए। दरअसल हत्यारोपी कोई और नहीं था बल्कि वही डाक्टर था जिसकी कार में एक जली हुई लाश बरामद हुई थी। डाक्टर ने खुद लिए गए लोन का भुगतान न करने के तहत एक युवक को जिंदा अपनी कार में जला कर मार डाले था और खुद फरार हो गया था।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी डाक्टर ने स्वीकार किया कि उसका मकसद था कि लोन के 20 से 25 लाख रुपये न चुकाने पड़ें। पुलिस ने हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हत्यारोपी का नाम डॉ मुबारिक है और वह बागपत जिले के असारा गांव का रहने वाला है, जो हबीबगढ़ में रहता था और यहीं रहकर क्नीनिक चला रहा था। पूछताछ में हत्यारोपी ने वारदात को स्वीकारा। बताया कि उस पर 25 से 30 लाख रुपये का कर्ज हो गया था।
पुलिस लाइन में एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि 23 दिसंबर को जब्बार अली निवासी बिजोपुरा ने नहर पुल के पास पटरी पर जली कार की सूचना दी थी, जिसके अंदर एक व्यक्ति का शव जला हुआ है। इसके बाद पुलिस पहुंची। जांच पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। 26 दिसंबर को गुलजार निवासी खानआलमपुरा ने तहरीर देकर बताया था कि उसका भांजा सोनू निवासी पुराना मिद्दा थाना सदर बाजार जिला यमुनानगर 22 दिसंबर से गायब है, जिसको आखिरी बार एक व्यक्ति के साथ देखा गया था।
इस मामले में भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू की। कुछ सीसीटीवी फुटेज खंगाले। घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी घर जाने के बजाय इधर-उधर रहता रहा। शुक्रवार को हत्यारोपी घटनास्थल नहर पुल पर पहुंचा और देखा कि कार जली या नहीं, जहां से पुलिस ने हत्यारोपी डॉक्टर मुबारिक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि कर्ज से बचने के लिए कार व शव की तलाश थी, जिससे अपने को मृत दिखा सकूं। मेरी पत्नी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर बीमा आदि के रुपये ले लें। 10 लाख रुपये का पर्सनल लोन भी माफ हो जाता। पुलिस ने इसके पास से वारदात में प्रयुक्त एक कैन व प्लास्टिक के ग्लब्स बरामद किए।