संघ प्रमुख मोहन भागवत पर टिप्पणी करने के प्रकरण में राहुल गाँधी पर दर्ज हुई असम में ऍफ़आईआर
फारुख हुसैन
डेस्क: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर असम पुलिस ने एक मामला दर्ज किया है। यह मामला गुवाहाटी के पान बाज़ार पुलिस स्टेशन में पेशे से एक वकील मनजीत चेतीया ने दर्ज कराया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ख़िलाफ़ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप लगाए गए हैं।
हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ‘सच्ची आज़ादी’ वाले बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी थी। राहुल गांधी ने कहा था, ‘आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत 1947 में आज़ाद नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि भारत को सच्ची आज़ादी उस दिन मिली जब राम मंदिर बना। वो कहते हैं कि संविधान हमारी आज़ादी का प्रतीक नहीं है। हम बीजेपी, आरएसएस और अब ख़ुद इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।’
असम पुलिस इंस्पेक्टर शंकर ज्योति नाथ के हस्ताक्षर वाली एफ़आईआर में राहुल गांधी पर बीएनएसएस की धारा 152 और 197 (डी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बीएनएस की घारा 152 यानी मौखिक या लिखित शब्दों, संकेतों, दृश्य प्रतिनिधित्व, इलेक्ट्रॉनिक संचार, वित्तीय साधनों, या अन्य माध्यमों से भारत की संप्रभुता, एकता, या अखंडता को खतरे में डालना।
वहीं क़ानूनी मामलों की वेबसाइट लाइव लॉ के अनुसार, धारा 197 भारत की संप्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ कार्य से जुड़ी हुई है। अपनी शिकायत में मनजीत चेतीया ने कहा, ’15 जनवरी को नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान सांसद राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा कि अब हम बीजेपी, आरएसएस और इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।’
शिकायतकर्ता चेतीया के अनुसार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर आसीन एक व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक मंच पर दिया गया यह बयान कोई साधारण टिप्पणी नहीं है। एफ़आईआर में कहा गया है कि ‘राहुल गांधी का यह बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा से परे चला गया है। यह सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा पैदा करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभियुक्त ने यह घोषणा की है कि उनकी लड़ाई “स्वयं इंडियन स्टेट” के विरुद्ध है।’