जर्मनी के अधिकारियों ने कहा ‘रूस का ‘शैडो फ़्लीट’ हमारे जलक्षेत्र में फंसा हुआ है’
फारुख हुसैन
डेस्क: जर्मनी के अधिकारियों ने कहा है कि एक तेल टैंकर जर्मनी के समुद्री जलक्षेत्र में फंसा हुआ है। जर्मनी का दावा है कि यह टैंकर रूस के ‘शैडो फ़्लीट’ का हिस्सा है। ‘शैडो फ़्लीट’ के बारे में जर्मनी का कहना है कि इसका इस्तेमाल प्रतिबंधों से बचने के लिए किया जाता है। यह कथित तौर पर रूसी जहाज़ों का एक बेड़ा है, जिसके ज़रिए रूस तेल का व्यापार करता है।
जर्मनी के समुद्री अधिकारियों (सीसीएमई) ने शुक्रवार को कहा है कि पनामा के झंडे वाले जहाज़, जिसे इवेंटिन के नाम से जाना जाता है, उसने अपनी ताक़त और स्टीयरिंग क्षमता खो दी थी। इसके बाद जहाज़ की सुरक्षा के लिए टगबोट्स तैनात किए गए थे। जर्मनी की विदेश मंत्री एनालिना बैरबॉक ने इसके लिए रूस को दोषी ठहराया है। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आरोप लगाया है कि पुतिन ने प्रतिबंधों को दरकिनार कर ‘जंग खाए टैंकरों को बेड़े में बेरहमी से तैनात करके’ यूरोपीय सुरक्षा को ख़तरे में डाला है।
हालांकि रूस पहले ही ‘शैडो फ़्लीट’ का इस्तेमाल करने के आरोपों का जवाब देने से इनकार कर चुका है। इस घटना पर भी रूस ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। अपनी पहली रिपोर्ट में सीसीएमई ने कहा है कि यह जहाज़ 274 मीटर (898 फीट) लंबा और 48 मीटर (157 फीट) चौड़ा था और इसमें लगभग 99,000 टन तेल था। जर्मनी के अधिकारियों ने बताया है कि तेल टैंकर जर्मनी के आईलैंड रुगेन के उत्तर में बाल्टिक सागर के तटीय जल में धीमी गति से बह रहा था। साल 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने रूस के तेल उद्योग पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।