मंदिर मस्जिद की सियासत को मुहतोड़ जवाब देते हुवे पीएम मोदी ने गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर भेजी चादर, तिलमिला उठी ‘हिन्दू सेना’

तारिक आज़मी

डेस्क: मंदिर मस्जिद की सियासत करने वाले। हर मुद्दे पर हिन्दू मुस्लिम एंगल तलाश कर नफरत फ़ैलाने वाले गोदी मीडिया, और न्यूज़ रूम में बैठ कर हिंदल वली ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती द्वारा मंदिर तोड़े जाने के अनर्गल और बेबुनियाद आरोप लगाने वाले न्यूज़ एंकरों के लिए ये खबर दिल दहला देने वाली ही है। शायद सुबह किये हुआ नाश्ता इस खबर को पढ़कर उनका पचेगा नही और उनको हाजमोला की ज़रूरत पड़ेगी। मिर्ची का भाव थोडा सस्ता हो जायेगा और और आंसू भी रस्ते बदल कर निकल पड़ेगे।

खबर ये है कि पुरानी रवायत के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जानिब से अजमेर शरीफ उर्स के मुक़द्दस मौके पर हिंदलवली गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइंनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर भेजी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजी गई यह ख़ास चादर उर्स के मौके पर दरगाह पर चढ़ाई जाएगी। भारत के प्रधानमंत्रियों की ओर से दरगाह में चादर भेजने की पुरानी रवायत रही है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू 4 जनवरी को अजमेर आएंगे जहां वो ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर पीएम मोदी की ओर से भेजी गई चादर पेश करेंगे।

इस खबर के कल आने के बाद ऐसा लगा जैसे हिन्दू मुस्लिम की नफरती पत्रकारिता करने वालो को बरनाल की ज़रूरत पड़ गई हो। ऐसा सियापा छाया हुआ है कि जैसे लाखो घड़े पानी अरमानो पर पड़ गए हो। इस मामले में अजमेर शरीफ दरगाह के प्रमुख नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि पीएम मोदी की ओर से चादर भेजना उन लोगों को क़रारा जवाब है जो पिछले पांच महीने से मंदिर-मस्जिद करके धार्मिक उन्माद पैदा करने की बात कर रहे थे। जबकि सरकार देश की सभ्यता और संस्कृति का सम्मान बनाए हुए है।

नसीरुद्दीन चिश्ती के इस बयान को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दरगाह को लेकर दायर याचिका से जोड़ कर देखा जा रहा है। पिछले साल नवंबर महीने में अजमेर की एक कोर्ट ने हिंदू सेना नाम के एक संगठन की उस याचिका को सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया था, जिसमें दावा किया गया था कि ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह एक शिव मंदिर के ऊपर बनी है। अब जहा तक रही मिर्च के दाम सस्ते होने की बात तो पीएम मोदी की ओर से चादर भेजने की ख़बरों के बाद हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि इस मामले में जब तक केस चल रह है तब तक चादर भेजना स्थगित कर देना चाहिए।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में इस तरह की याचिकाओं पर कोई कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। वहीं इस पर चुटकी लेते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक एक्स पोस्ट में पूछा है, ‘भाजपा बदल रही है क्या? पहले दिल्ली में इमामों की तनख़्वाह की मांग कर रहे थे, अब दरगाह में चादर चढ़ा रहे हैं।’ बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर लोगों की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने अजमेर शरीफ़ दरगाह पर चढ़ाने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू को पारंपरिक चादर सौंपी।

पीएम की ओर से ये चादर दरगाह पर चढ़ाई जाएगी। रिजिजू ने प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दिक़ी को चादर सौंपे जाने की तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेंट करना भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और वर्षों से चले आ रहे सद्भाव और करुणा के संदेश के प्रति उनके गहरे सम्मान को दिखाता है।’ अजमेर शरीफ दरगाह के प्रमुख नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी लगातार अजमेर शरीफ़ के लिए चादर भेज रहे हैं। वहीं बीजेपी नेता मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से लगातार अजमेर शरीफ़ में ख्व़ाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में पेश करने के लिए चादर भेजते रहे हैं। ऐसा करके वो देश में अमन-चैन, शांति और एकता बनाए रखने का संदेश भी देते हैं।

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