गूगल क्लाउड डेटा ने खोला क़त्ल का राज़ और प्रेमी की हत्या के मामले में अदालत ने प्रेमिका को सुनाई सजा-ए-मौत, जाने कैसे खुला इस क़त्ल का राज़ जो बना आज तीन साल बाद चर्चा का विषय

तारिक खान

डेस्क: केरल में एक सत्र न्यायालय ने ग्रीष्मा नाम की 24 साल की एक लड़की को अपने प्रेमी को ज़हर देकर मारने के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई है। ग्रीष्मा पर आरोप था कि उसने साल 2022 में अपने प्रेमी शेरोन राज को ज़हर देकर मार डाला था। इस मामले में ख़ास बात यह है कि अदालत ने डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर उसे दोषी क़रार दिया है और मौत की सज़ा सुनाई है।

20 जनवरी, 2025 के एक फैसले में नोय्याटिंकरई के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एएम बशीर ने ग्रीष्मा को मौत की सज़ा सुनाई और उसके मामा निर्मल कुमारन नायर को तीन साल की सज़ा दी गई। अपने फ़ैसले में जज ने पुलिस जांच की सराहना भी की। जज ने अपने फैसले में कहा, ‘इस मामले में पीड़ित शेरोन राज और हत्या करने वाली ग्रीष्मा एक ही उम्र के थे। शेरोन ग्रीष्मा से बहुत प्यार करता था। वह उस पर आंख मूंदकर भरोसा करता था। लेकिन, ग्रीष्मा ने उसे धोखा दिया।’

पुलिस को इस अपराध को साबित करने के लिए गूगल क्लाउड के ज़रिए मिले सबूतों से काफ़ी मदद मिली है। सरकारी वकील के मुताबिक़, ‘इस मामले में फ़िज़िकल एविडेंस (भौतिक साक्ष्य) की कमी के बावजूद भी अपराध को साबित करने के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य और डिजिटल साक्ष्य का इस्तेमाल किया गया। इसी आधार पर अदालत ने कड़ी सज़ा सुनाई है।’ बताया जाता है कि ग्रीष्मा कन्याकुमारी ज़िले के देवीकोड की रहने वाली हैं। उनके पास अंग्रेजी साहित्य में डिग्री है, जबकि शेरोन राज पारसलाई इलाक़े में रहता था। सरकारी अभियोजकों के मुताबिक़ घटना के वक़्त शेरोन कन्याकुमारी के एक कॉलेज में बैचलर ऑफ रेडियोलॉजी के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था।

अभियोजकों के मुताबिक ग्रीष्मा और शेरोन राज एक-दूसरे से प्यार करते थे। इस बीच, ग्रीष्मा के माता-पिता ने उसकी शादी किसी और लड़के से कराने का फ़ैसला कर लिया। उनके मुताबिक ग्रीष्मा की सगाई भारतीय सेना में काम करने वाले एक लड़के से कराई गई और ग्रीष्मा ने शेरोन से सारे पुराने संबंध तोड़ने के लिए कहा। हालांकि शेरोन इससे बहुत दुखी हुआ और उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। अभियोजकों का कहना है कि शेरोन की सबसे बड़ी शिकायत ग्रीष्मा से थी, जो उस लड़के से शादी करने के लिए तैयार हो गई थी, जिसे उसके माता-पिता ने उसके लिए तय किया था। उनके मुताबिक शेरोन इस मुद्दे पर ग्रीष्मा की कोई बात सुनने को तैयार नहीं था। ग्रीष्मा को इस बात का डर था कि शेरोन भविष्य में उसकी शादी को बर्बाद कर सकता है और उसने शेरोन को मारने की योजना बनाई।

इसी मक़सद से ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर बुलाया और उसके खाने में ज़हर मिला दिया, जिससे शेरोन की मौत हो गई। शेरोन की मौत के मामले में केरल पुलिस ने एक विशेष जांच दल यानी एसआई टी भी बनाई थी। इस एसआईटी के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) राशीद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘शुरुआत में पारसालई पुलिस ने एफआईआर को अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज किया और उस दिशा में मामले की जांच शुरू की। लेकिन, शेरोन के रिश्तेदारों को उसकी मौत का संदेह ग्रीष्मा पर था। उसके बाद मामला बाद केरल पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया और इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया।’

डीएसपी राशीद के मुताबिक़ पूछताछ के दौरान ग्रीष्मा ने सब सच बता दिया, पुलिस जांच के दौरान वह मामले को छिपा नहीं सकी। डीएसपी राशीद के मुताबिक़ पुलिस हिरासत में रहते हुए ग्रीष्मा ने शौचालय की सफाई के लिए रखे हुए कीटाणुनाशक को पीकर आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी। इस मामले में ग्रीष्मा की मां और मामा से पूछताछ की गई तो शेरोन को जहर दिए जाने का संदेह पुख़्ता हो गया। अभियोजन के अनुसार ‘इससे पहले एक बार ग्रीष्मा ने जूस में पैरासिटामोल की 50 गोलियां मिलाकर शेरोन को पीने के लिए दी थी, लेकिन जूस कड़वा होने के कारण शेरोन ने उसे नहीं पिया, इसलिए वह उस दिन बच गया। हत्या की इस कोशिश से पहले ग्रीष्मा ने अपने मोबाइल फोन पर इस बारे में जानकारी खोजी थी। पुलिस जांच में यह काफ़ी अहम साबित हुआ। जांच में सामने आया कि ग्रीष्मा ने एक और योजना बनाकर शेरोन को घर बुलाया। घर पर उसने शेरोन को एक आयुर्वेदिक टॉनिक पीने को दिया। ग्रीष्मा ने इसमें ज़हर घोल दिया था।

पुलिस के मुताबिक इस टॉनिक को पीने के बाद ही शेरोन को तकलीफ होने लगी। उन्हें उल्टियां और दस्त होने लगे। उन्हें इलाज के लिए तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत खराब हो गई। एक-एक कर उनके शरीर के अंग काम करना बंद कर रहे थे। आख़िरकार 25 अक्तूबर 2022 को उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने ग्रीष्मा का मोबाइल फोन चेक किया, लेकिन उन्हें पता चला कि सारा डेटा डिलीट हो चुका है। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन को फॉरेंसिक लैब में भेजा और गूगल क्लाउड डेटा में दर्ज सभी जानकारी फिर से हासिल कर ली। जिसके बाद ग्रीष्मा के मोबाइल से व्हाट्सएप चैट, वीडियो कॉल, सर्च इंजन डेटा वगैरह को जब्त कर लिया गया और अदालत में डिजिटल सबूत के तौर पर पेश किया गया।

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