आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का दावा ’54 बीघा वक्फ की ज़मीन पर हो रहा है कुम्भ मेला’

सबा अंसारी

डेस्क: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रयागराज में लग रहे पूर्ण महाकुंभ को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसपर विवाद होना तय है। अपने बयान में प्रयागराज के निवासी सरताज का हवाला देते हुए मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जिस जमीन पर कुंभ के मेले की तैयारियां की जा रही हैं, वो 55 बीघा जमीन वक्फ बोर्ड की है।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ‘कुंभ मेले की जहां तैयारियां की जा रही है वो जमीन वक्फ बोर्ड की है, ये जमीन करीब 54 बीघा है। मुसलमानों ने बड़ा दिल दिखाते हुए इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई है, कुंभ मेले के सारे इंतजाम सामियाना, तंबू वगैरह इसी वक्फ बोर्ड की जमीन पर हो रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे बाबा लोग मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे है। ये तंग नजरी छोड़नी होगी, मुसलमानों की तरह बड़ा दिल दिखाना होगा।’

4 नवंबर को प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई थी। जिसमें साधु-संतों ने प्रस्ताव पास किया कि महाकुंभ मेले में सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश दिया जाए। कोई भी मुखौटा लगाकर गलत तरीके से कुंभ मेले में प्रवेश कर सनातन संस्कृति और परंपरा को दूषित कर सकता है। साधु-संतों ने आशंका जताई थी कि कोई शरारती तत्व शुद्धता को भंग कर सकता है। उज्जैन निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरि महाराज ने भी मांग की है कि महाकुंभ में मुस्लिम प्रवेश पर रोक लगाए जाए।

प्रयागराज में संगम पर महाकुंभ की शुरुआत से पहले मेला क्षेत्रों के दुकानदार नेपाल, वाराणसी और मथुरा-वृंदावन से मंगाई गई पूजा सामग्री, पत्र-पंचांग, रुद्राक्ष, तुलसी की माला और पवित्र ग्रंथों सहित आवश्यक धार्मिक वस्तुओं को जमा कर रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों की गणना के अनुसार ग्रह नक्षत्रों के विशिष्ट संयोग से इस साल प्रयागराज में 144 साल बाद पड़ने वाले महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। महाकुंभ-2025, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ शुरू हो कर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ इसका समापन होगा।

मेले के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। महाकुंभ का इंतजार न केवल साधु-संन्यासी, कल्पवासी, श्रद्धालु बल्कि प्रयागराजवासी भी बेसब्री से कर रहे हैं। महाकुंभ में संगम, मेला क्षेत्र और प्रयागराज के दुकानदार पूजा सामग्री, पत्र-पंचांग, धार्मिक पुस्तकें, रुद्राक्ष और तुलसी की मालाओं को नेपाल, वाराणसी, मथुरा-वृंदावन से मंगवा रहे हैं। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु लौटते समय अपने साथ संगम क्षेत्र से धार्मिक पुस्तकें, पूजन सामग्री, रोली-चंदन और मालाएं जरूर ले जाते हैं।

महाकुंभ, सनातन आस्था का महापर्व है। इस अवसर पर सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोग देश के कोने-कोने से प्रयागराज आते हैं और त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य के भागी बनते हैं। इस साल महाकुंभ के अवसर पर 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज में आने का अनुमान है। श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने, उनके स्नान करने और रहने की व्यवस्थाओं का प्रबंध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश पर मेला प्राधिकरण पूरे जोश और उत्साह के साथ कर रहा है। साथ ही प्रयागराजवासी और यहां के दुकानदार, व्यापारी भी महाकुंभ को लेकर उत्साहित हैं।

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