प्रशांत किशोर ने ज़मानत लेने से किया इंकार, प्रशांत किशोर के वकील ने कहा ‘लिख कर देना यानि मान लेना कि हमने अपराध किया है’
अनिल कुमार
डेस्क: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने ज़मानत लेने से इनकार कर दिया है। उन्हें सोमवार को तड़के पटना पुलिस ने गांधी मैदान से गिरफ़्तार किया था। प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरी ने पटना में पत्रकारों को बताया, ‘अदालत ने 25 हज़ार रुपये का बॉन्ड भरने को कहा गया था और साथ ही यह भी लिख कर देने को कहा था कि वह भविष्य में ऐसा अपराध नहीं करेंगे।’
कहा कि ‘यह लिखने का मतलब है कि हमने मान लिया कि यह अपराध किया है। धरना प्रदर्शन करना हमारा बुनियादी अधिकार है, सामाजिक मुद्दे पर। फिर हम बंध जाएंगे। कभी भी हम प्रदर्शन करेंगे तो पुलिस इसे मुद्दा बनाकर जेल भेज देगी। प्रशांत किशोर ने जज से कहा कि ज़मानत ठीक है, लेकिन शर्त हटा लीजिए लेकिन अदालत ने इनकार कर दिया।’
इससे पहले, गिरफ़्तारी की कार्रवाई पर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह नेकहा, ‘कुछ लोग गांधी मैदान के प्रतिबंधित इलाक़े में गांधी मूर्ति के सामने ग़ैरक़ानूनी रूप से प्रदर्शन कर रहे थे। इस संबंध में गांधी मैदान के पुलिस स्टेशन में एक एफ़आईआर दर्ज की गई थी। आज प्रशांत किशोर के साथ 43 लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि 15 गाड़ियों को सीज़ किया गया है। जांच के बाद पता चला कि 43 लोगों में से 30 लोग छात्र नहीं थे। उनमें से कुछ लोगों ने खुद को छात्र बताया है और हम इसकी जांच कर रहे हैं।’
प्रशांत किशोर दो जनवरी से ही पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी छात्रों की मांग के समर्थन में आमरण अनशन पर थे। 13 दिसंबर को हुई बीपीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप में छात्र 18 दिसंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी मांग है कि परीक्षा दोबारा कराई जाए। हालांकि प्रशासन ने शनिवार को उस परीक्षा केंद्र के सभी परीक्षार्थियों की दोबारा परीक्षा आयोजित कराई, जहां गड़बड़ी के आरोप लगे थे।