लाल कार्ड के अनूठे प्रयोग से चर्चित आईपीएस मनोज तिवारी हुए सम्मानित
जौनपुर। रविन्द्र दुबे। जौनपुर जिले के पवारा के मूल निवासी आईपीएस अधिकारी मनोज तिवारी को प्रदेश निर्वाचन आयोग ने लाल कार्ड के अनूठे प्रयोग से हिंसा विहीन पंचायत चुनाव सम्पन्न करवाने पर आज सम्मानित किया है। यह सम्मान उनको मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश एस के अग्रवाल ने दिया। वर्तमान में श्री तिवारी झांसी के एस एस पी है। उनके इस उपलब्धि पर गृह जनपद के लोगो ने उनको बधाई दी है। पंचायत चुनाव के दौरान वह औरैया जिले के एसपी थे। जहाँ उनके कुशल प्रशासनिक नेतृत्व में बिना किसी भी गड़बड़ी के चुनाव सम्पन्न हुआ था।
ज्ञात हो की पंचायत चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा पूरे प्रदेश के जिलों में गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित कर लाल कार्ड पकड़ाया था। लाल कार्ड जैसे अनूठे प्रयोग को पूरे प्रदेश के पुलिस विभाग में अमल में लाने के पीछे श्री तिवारी ही थे। ।
सिक्किम कैडर के आईपीएस मनोज तिवारी उत्तर प्रदेश में 5 साल की प्रतिनियुक्ति पर तैनात है। उनकी पहली तैनाती एसपी औरैया में हुई थी।
पंचायत चुनाव में लाल कार्ड का अनूठा प्रयोग कर पूरे प्रदेश में चर्चा में आ गए श्री तिवारी ने कानून के साथ खिलवाड़ करने की किसी को भी छूट नहीं दी थी। कई बाहुबली और जनप्रतिनिधि उनकी इस कार्रवाई की जद में आये थे। सांसद हों या विधायक, सत्ता पक्ष के रहे हों या विपक्ष के जिसने भी कानून तोड़ने की हिमाकत की उसे पुलिस थाने का दर्शन जरूर करना पड़ा। रात हो या दिन , चुनाव के दौरान शुरू किये गए सघन तलाशी अभियान में जो भी असंवैधानिक कार्य में लिप्त मिला उसे यह कार्रवाई झेलनी पड़ी। लालकार्ड के अनूठे प्रयोग ने कम पुलिस बल के बावजूद औरैया ही नहीं पूरे प्रदेश के कई जिले में हिंसा रहित चुनाव संपन्न करा दिया था।
क्या है लाल कार्ड
जिनका आपराधिक इतिहास रहा है या फिर जिनसे अपराध कारित होने की सूचना मिली उन्हें लाल कार्ड पकड़ा दिया गया। उन्हें आदेश था की सुबह 7 बजे अपने अपने मतदान केंद्रों पर मतदान कर वह इलाके के थानों में बिना बुलाये ही पहुँच जाएंगे और शाम को मतदान समाप्त होने के बाद बाइज्जत अपने घरों को वापस जाएंगे। लाल कार्ड धारकों को थानों में इज्जत के साथ बैठने के लिये पर्याप्त कुर्सियां मंगाई गईं थीं साथ ही पर्याप्त मात्रा में स्वादिष्ट भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। जिनसे था अशांति फैलाने का ख़तरा वह सभी थानों की शोभा बढ़ा रहे थे। बूथों पर किसी भी प्रकार की अशांति नहीं हो पाई।