मैनेजमेंट छात्र-छात्राएं, मर्यादा सीख रहे श्री राम के आदर्श से
आगरा। शीतल सिंह “माया”। घटती संवेदनाओं और बढ़ते भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए बिजनेस प्रोफेशनल को कक्षा में नैतिकता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इसके लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को आदर्श बना छात्रों को उनके आचरण को व्यवहार में लाने की नसीहत दी जा रही है और उन्हें मैनेजमेंट के टिप्स सिखाए जा रहे हैं। वहीं राजा बलवंत सिंह मैनेजमेंट टेक्निकल कैंपस, खंदारी में तो आइआइएम की तर्ज पर मैनेजमेंट छात्रों को कुछ गेम खिलाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से आदर्श और नेतृत्व क्षमता विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।
गेम प्रोजेक्ट प्रभारी एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डीएस यादव ने बताया कि आगरा ही नहीं आस-पास के क्षेत्र में आरबीएस पहला ऐसा पहला संस्थान है, जो छात्रों में तर्क, बौद्धिक और निर्णय क्षमता बढ़ाने के लिए सिलेबस के साथ ही मैनेजमेंट गेम खिला रहा है। रोल प्ले गेम में छात्रों को परिस्थिति दी जाती है, जिसे वे फेस कर रहे हों और या भविष्य में फेस करनी हो। संस्थान छात्रों को श्रीराम के मैनेजमेंट और निर्णय क्षमता वाली परिस्थितियों में आधुनिक फैसले करने का गेम खिलाती है। इस गेम में छह से 12 छात्र हो सकते हैं। श्रीराम का व्यक्ति मनमोहक था, तो लीडर क्षमता चमत्कारिक थी। वे टीम बिल्डिंग, मोटीवेशन में भी माहिर थे। मैनेजमेंट के छात्रों में हम भी यही चीजें विकसित करना चाहते हैं। इसके साथ ही अगर प्रभु राम को आदर्श मानकर छात्र चलेंगे, तो मानवीय मूल्यों के साथ ही वे अपने जीवन में सेवाएं दे सकेंगे।
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कुछ अन्य भी हैं मैनेजमेंट गेम
रोल प्ले के साथ ही कुछ अन्य मैनेजमेंट गेम भी छात्रों को खिलाए जाते हैं। गेट नॉटेड गेम में छात्रों को रंग-बिरंगे ऊन के धागों को चुन कर लंबी रस्सी बनानी होती है। इससे उनमें एकाग्रता, धैर्य विकसित होता है। साथ ही समूह में कार्य करने की क्षमता भी बढ़ती है। क्वेशन बॉल गेम से छात्रों में आत्मविश्वास और निर्णय की क्षमता बढ़ती है। गेम में चार टीम बनाई जाती है, जिन्हें अपना लीडर खुद चुनना होता है। लीडर चुनने की प्रक्रिया साक्षात्कार की प्रक्रिया जैसी ही होती है। टीम को अंक भी नेतृत्व के आधार पर ही मिलते हैं। ग्रुप डिस्कशन और वीडियो क्लिप के माध्यम से भी छात्रों को बेहतर बनाने का प्रयास होता है।
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श्रीराम ने दिए मैनेजमेंट के सिद्धांत
आरबीएस मैनेजमेंट कैंपस के निदेशक डॉ. राजीव शर्मा का कहना था कि मैनेजमेंट के अधिकतर सिद्धांत श्रीराम ने ही दिए हैं। जब कभी अच्छे प्रशासन की कल्पना की जाती है, तो राम राज्य का नाम ही आता है। भगवान राम ने वनवास के दौरान समूह बनाकर विजय प्राप्त की। मैनेजमेंट का सिद्धांत भी सीमित संसाधनों का उपयोग करते हुए नैतिकता के साथ उद्देश्यों को पूरा करना है।