उत्तराखंड के डीजीपी पर महिला ने लगाए गंभीर आरोप
देहरादूनः अपनी तरह के विचित्र सियासी हालातों के लिये चर्चाओं में आए उत्तराखंड में अब पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू यौन उत्पीड़न के कथित आरोप को लेकर चर्चाओं में है। मामला वर्ष 2004 का है, जब सिद्धू रेलवे पुलिस फोर्स के मुंबई स्थित सिक्योरिटी कमिश्नर कार्यालय में आईजी के पद पर तैनात थे। सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने कमिश्नर कार्यालय में तैनात तत्कालीन हैड क्लर्क का यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता मुंबई से देहरादून पहुंची और बुधवार को उन्होंने उत्तरांचल प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता के दौरान सिद्धू पर ये संगीन आरोप लगाए।
2014 में उत्तराखंड शासन से की थी शिकायत
पीड़िता के मुताबिक, 2014 में उन्होंने डीजीपी सिद्धू के खिलाफ उत्तराखंड शासन से शिकायत की थी। शासन की ओर से उन्हें शिकायत शपथ पत्र देने को कहा गया था। उन्होंने शपथ पत्र मय दस्तावेज शिकायत भेज दी थी।
सिद्धू पर ये है आरोप
पीड़िता का कहना है कि मुंबई स्थित चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर कार्यालय में बीएस सिद्धू मुख्य सुरक्षा आयुक्त बनकर आए थे। वह तब वहां हैड क्लर्क थी। उन्होंने उन्हें अपने चैंबर में बुलाया और लंच-डिनर पर जाने को कहा। उनकी बांह पकड़ ली। जब उन्होंने प्रतिकार किया तो उन्होंने इसके बुरे नतीजे भुगतने की चेतावनी दी। वह चिल्लाकर बाहर आ गई। उसके बाद सिद्धू ने उनका तबादला करा दिया और उन्हें लगातार परेशान करते रहे।
उन्हें सरकार ने फौरन हाजिर होने का बुलावा भेजा
उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत के संबंध में कुछ दिन पहले उत्तराखंड शासन की एक अधिकारी ने फोन पर जितनी जल्दी हो सकता है देहरादून पहुंचने को कहा था। उन्हें बताया गया कि उनकी शिकायत पर एक उच्च स्तरीय जांच समिति बना दी गई है जो उनके मामले की जांच कर रही है। उन्हें कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होना है। शासन के अफसरों ने भी फोन किया। पीड़िता ने शासन के अफसरों से हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी साझा की। रिकार्डिंग में शासन का एक अफसर कह रहा है कि वह जल्द हाजिर नहीं होंगी तो सिद्धू रिटायर हो जाएंगे और फिर उनके खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल हो जाएगा।
टिकट भेजे और कैंसिल कर दिये
उन्होंने कहा कि उनकी मेल पर उत्तराखंड शासन की ओर से मुंबई से देहरादून के बीच हवाई यात्रा के टिकट भेजे गए। लेकिन जब वह तैयारी कर रही थी तो टिकट कैंसिल कर दिये गए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर किसके दबाव पर कार्रवाई रोक दी गई।
मुझे आना पड़ा वरना सिद्धू साफ बच निकले
पीड़िता ने कहा कि डीजीपी सिद्धू 30 अप्रैल रिटायर हो रहे हैं और वह नहीं चाहती कि वह उनके यौन उत्पीड़न के अपराध की सजा मिले बिना आसानी से रिटायर हो जाएं। लेकिन जिस तरह से सरकार ने अपनी कार्रवाई रोकी है, उससे साफ हो गया है कि वह सिद्धू के भारी दबाव में है। उन्हें राज्यपाल के शासन में भी इंसाफ नहीं मिल पाया है। लेकिन वह चुप नहीं बैठेंगी।
कार्रवाई करो या इच्छामृत्यु दो
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार या तो कार्रवाई करे या फिर उन्हें इच्छामृत्यु दे। मंजू श्री के साथ पत्रकार वार्ता में पहुंचे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र जुगरान भी पहुंचे थे। जुगरान अवैध कटान के मामले में डीजीपी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे डीजीपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जा रहे हैं। यदि रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी तो वे राजभवन पहुंचकर धरने पर बैठ जाएंगे।
रिपोर्ट। हरीश भट्ट