माँ के लिए मिड डे मिल से चुराता था यह मासूम अण्डा।
नौ साल के इस ‘बुजुर्ग’ बच्चे की अब सिर्फ एक ही चिंता है कि अंडा खाकर उसकी मां टीबी से मुक्त हो जाए, ताकि ममता की छांव उसे बराबर मिलती रहे। वह कहता है, अगर मां ही नहीं रहेगी तो मुझे स्कूल कौन भेजेगा? जब मां ठीक हो जाएगी तो मैं अंडा खाने लगूंगा। उसने बताया कि मां आधा अंडा मुझे खिलाने की जिद करती है, पर मैं उनकी बात नहीं मानता हूं। इस खबर को पढकर आपके जहन में कौनसी तस्वीर उभरी ? झारखंड में राम राज्य अर्थात भाजपा की सरकार है। वही भाजपा जो उत्तर प्रदेश के कैराना में इन दिनों ‘पलायन’ खेल रही है। जब यह बच्चा बड़ा हो जायेगा तो हो सकता है इसके हाथ में धर्म रक्षा का हथियार थमा दिया जायेगा। तब शायद ही कोई सवाल करे पहले इस देश के बच्चों को खाना खिला देते तब धर्म रक्षा कर लेते। आये दिन तथाकथित हिन्दू रक्षक खुले मंच से अपील करते रहते हैं कि वे ज्यादा बच्चे पैदा करें। मगर उन बच्चों का क्या जो दो रूपये का अंडा महज इसलिये चुरा लेते हैं क्योंकि उनकी मां को पोष्टिक आहार की जरूरत है।