पुलिस कार्रवाई न होने से क्षुब्ध महिला ने दी जान

थाना जगदीशपुरा के विलासगंज में पड़ोसी से विवाद में पुलिस कार्रवाई न होने से क्षुब्ध महिला कुसुमलता (35) ने केमिकल पी लिया। गुरुवार दोपहर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर, पुलिस सक्रिय होती तो महिला जान नहीं देती। मगर, पुलिस ने लापरवाही भरा रवैया अपनाया। विलासगंज निवासी राजू जूता कारीगर है। उसके दो बेटे और दो बेटी हैं। छह महीने पहले ही वह परिवार के साथ रहने आया था। राजू का आरोप है कि पड़ोसी सूरज का परिवार उसकी पत्नी कुसुमलता को मकान खाली करने के लिए धमका रहे थे।


इसका कुसुमलता ने विरोध किया। 13 जून को सूरज के बेटे आकाश, टिंकू, पत्नी केला देवी, टिंकू पुत्र अजय, पूरन, उसकी बेटी ने हमला बोल दिया। घर में घुसकर कुसुमलता सहित अन्य परिवारीजनों के साथ मारपीट की। इसकी शिकायत सौ नंबर पर की। चीता मोबाइल के सिपाही पहुंच गए। पुलिस उनसे चौकी पर आने की कहकर वापस चली गई। 14 जून की सुबह चौकी पर गईं तो पुलिस ने सुनवाई नहीं की। शाम को कुसुमलता तहरीर दे आई। भतीजे हर्ष ने बताया कि कुसुमलता ने पुलिस से यह भी कहा कि अगर, उसकी सुनवाई नहीं हुई तो वह जान दे देगी। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बुधवार को आरोपी पक्ष ने फिर से हमला बोल दिया। तहरीर वापस नहीं लेने पर बेटी को अगवा कर जान से मारने की भी धमकी दी। इस दौरान कुसुमलता से जमकर मारपीट की। इससे ही आहत होकर उसने टायलेट क्लीनर पी लिया। हालत बिगड़ने पर उसे एसएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। दोपहर में उनकी मौत हो गई। 
पांच के खिलाफ दी तहरीर
जगदीशपुरा थाने के इंस्पेक्टर ने बताया कि राजू ने आकाश, पिंकू, केला, पूरन और भारती के खिलाफ तहरीर दी है। उनके खिलाफ मारपीट और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

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