भारतीय किसान यूनियन ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ माननीय गवर्नर को सौंपा ज्ञापन।
★ कोटेदार बने ठेकेदार खा रहे राशन जनता लाचार
★ ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही ताबड़तोड़ धांधलिया
★ ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की बदहाली ग्रामीण हो रहे बेघर छा रही कंगाली
★ ग्रामीणों से बेइमानी सरकारी योजनाओं व लोन स्कीमस में बैंक चला रहे अपनी मनमानी
रविशंकर / ललित
रामपुर। भारतीय किसान यूनियन ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ माननीय गवर्नर को जनहित में ज्ञापन सौंपा।
■तहसील स्वार के पन्द्रह गांव भगवन्त नगर, नया गांव, आरसल-पारसल, फाजलपुर, नूरपुर, हजूर पुर, कल्याणपुर, मिलक मोहम्मद नवी, टांडा गोलू, कुंवर पुर, पदमपुर, खुदा गंज आदि 1948-49 में बसे थे।उन्हें आज बेघर करने का प्रयास किया जा रहा है।उन्हें बेदखल किया जा रहा है।उन्हें बेदखल करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि वहां उन्हें लगातार पिछले सत्तर वर्ष से राजस्व सुविधाएं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, स्कूल, सड़क सभी प्रकार की सरकारी सुविधाएं मुहैया हैं।तो आज ऐसा क्यों किया जा रहा है।
■इन पन्द्रह गांवो की आबादी लगभग पैंतीस हजार है, सात राजस्व ग्राम पंचायते हैं।इसलिए इन्हें किसी भी तरह बेदखल नहीं किया जाये।और ना ही इन परिवारों की मथुरा जवाहर बाग की घटना से न जोड़ा जाए।
■प्रदेश में कानून व्यवस्था अमन शान्ति का पैगाम रहे।परन्तु ऐसे निर्णयो एवं इस प्रकार यदि किसानों गरीबों को बेघर किया गया तो हालात इमर्जेंसी से बत्तर होंगे।
■रामपुर जनपद के अंतर्गत विशेषकर और पूरे प्रदेश में राशन वितरण प्रणाली और राशन कार्ड बनाने दोनों स्तर पर जबरदस्त घपला है।पात्रों के राशनकार्ड नहीं बनाए गए हैं अभी प्रत्येक गांव में कम से कम पन्द्रह प्रतिशत गरीब किसान खाद्य सुरक्षा अधिनियम कानून एवं सरकार को योजना से वांछित है।
■ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का बुरा हाल है जिसमें बिलासपुर, अहरो शीश गढ, मिलक में सिसौना चन्दपुरा, जदीद, हरसूनगला आदि बिलासपुर से स्वार मार्गों की हालत बहुत खराब है।
आदि विषयों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने ज्ञापन सौंपा।