फिर आखिर क्यों हटाए गए दीपक सिंघल

समस्त सूचनाएं सूत्रों के आधार पर।
गायत्री प्रजापति का IAS दीपक सिंघल से करीबी कनेक्शन था। सूत्रों की माने तो खनन माफियाओं को सिंघल संचालित करते थे। बीते दिनों में सिंघल से सभी जिलों की अवैध खनन की रिपोर्ट मांगी थी। जिसे हाईकोर्ट में पेश करनी थी। लेकिन सही रिपोर्ट दाखिल ना कर पाने के चलते कोर्ट ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। इस वजह से अवैध खनन में बर्खास्त मंत्री गायत्री प्रजापति के बाद दीपक सिंघल का नाम आने की पहले से ही पूरी सम्भावना थी। इस कारण सरकार ने अपने बचाव के चलते यह कदम उठाया….दीपक सिंघल का नाम यूपी के 10 भ्रष्ट आईएएस अफसरों में आ चुका है। साल 1997 में यूपी आईएएस एसोसिएशन ने गुप्त वोटिंग के जरिए प्रदेश के भ्रष्ट आईएएस अफसरों को चुना था। इसमें दीपक सिंघल के अलावा पूर्व आईएएस अखंड प्रताप सिंह और नीरा यादव का भी नाम शामिल था। इनके छोटे से कार्यकाल में स्वम अखिलेश भी इनसे ज्यादा खुश नहीं रहे

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