मामूली विवाद में नानी-नाती की हत्या, उत्तेजित भीड़ द्वारा पथराव, लाठीचार्ज व हाइवे पर लगाया जाम
कुलदीप
ग़ाज़ियाबाद । विजयनगर इलाके में सोमवार शाम साढे़ चार बजे गाय बांधने को लेकर हुए मामूली विवाद में पड़ोसी ने प्रेमवती (70) और उनके 22 वर्षीय नाती रवींद्र कर्दम पुत्र राजेंद्र की बंदूक से गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद लोगों ने एनएच-24 पर जाम लगा दिया।
तीन घंटे तक जाम रहने के बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर जाम खुलवाया तो उपद्रवियों ने पथराव कर दिया। इससे भगदड़ मच गई। दो पुलिस अफसरों समेत दर्जनों लोग घायल हो गए। गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। रात नौ बजे के बाद हालात पर काबू पाया जा सका। देर रात तक घटनास्थल पर आईजी, डीएम, एसएसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस के अफसर व जवान मौजूद थे।
विजयनगर के भीम नगर कॉलोनी में एनएच-24 से सटे इनकी टेंट की दुकान है।
इनकी दुकान के ठीक बगल में किशनवीर की गाड़ी सर्विसिंग की दुकान है। मृतक के पिता राजेंद्र ने बताया कि शाम साढे़ चार बजे किशन से उसके बेटे रविंद्र ने अपनी गाय व गोबर हटाने को कहा। इस बात को लेकर हुए विवाद में किशन के बेटे अखिलेश उर्फ गोलू ने दुकान से बंदूक लाकर उन पर पांच राउंड फायरिंग कर दी।
यह गोलियां रविंद्र और वहीं बैठी उसकी नानी को लगीं और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी बाप-बेटे फरार हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस आई और दोनों को एमएमजी अस्पताल लेकर चली गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने जाम लगा दिया।
उनकी मांग थी कि दोनों लाशें घटनास्थल पर लाई जाएं। तीन घंटे तक जाम लगने के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर जाम खुलवाया। पुलिस ने देर रात तीन के खिलाफ नामजद व एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर पथराव करने वाले 13 उपद्रवियों को हिरासत में लिया था।
जाम खुला तो जंग के मैदान में तब्दील हो गया विजयनगर बाईपास
पौने आठ बजे रात जाम खुलने के बाद विजय नगर बाईपास जंग के मैदान में तब्दील हो गया। उपद्रवियों ने रोड के दोनों तरफ से पथराव शुरू कर दिया। रोड पर खड़ी गाड़ियों पर पत्थर बरसने लगे। पत्थर से घायल होने वाले लोग चीख रहे थे। पुलिस ने उपद्रवियों को खदेडा तो साथ ही भगदड भी मच गई। वहां पहले से खड़ी गाड़ियां जैसे-तैसे आगे बढ़कर निकलीं तो इसके बाद विजयनगर बाईपास की सड़क सुनसान पड़ गई। लालकुआं और नोएडा की तरफ से खड़ी गाड़ियां विजयनगर बाईपास चौराहा की तरफ आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं कर सकी। पुलिस के जवान भी ‘साइड’ हो लिए थे। आधे घंटे के बाद उपद्रवियाें ने पत्थर फेंकने बंद कर दिए, वैसे भी पत्थर बरसाने के लिए रोड पर न तो गाड़ियां थीं, न लोग। रोड पर टूटे शीशे ही शीशे बिछे थे। इसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों से भिड़ने की फिर से हिम्मत जुटाई। अंधेरे में पुलिस उस तरफ दौड़ी जिधर से पथराव हो रहा था। इस दौरान सीओ सेकेंड मनीष मिश्रा, सीओ इंदिरापुरम अतुल यादव समेत आठ पुलिसकर्मियों को भी पत्थर लगे।
पुलिस को जिस पर भी संदेह हुआ, उसे पकड़कर बुरी तरह पीटा। रात नौ बजे एसएसपी केएस इमेनुअल और डीएम निधि केसरवानी पहुंची। उनके साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल आया। ये देखकर उपद्रवी भाग खडे़ हुए।
इसके बाद विजयनगर बाईपास से गाड़ियों का गुजरना शुरू हुआ। ये गाड़ियां देर रात तक 5-10 की स्पीड में गुजर रही थीं क्योंकि यह गाड़ियां लालकुआं व नोएडा की साइड से करीब दस किलोमीटर की दूरी में चार घंटे से जाम में फंसी हुईं थीं।
हालांकि इस दौरान तिगड़ी मोड़ और एबीईएस कट के पास प्रशासन ने रूट डायवर्जन किया था। जाम खुलने के बाद भी रात दस बजे तक विजयनगर बाईपास पर लोगों को ऑटो नहीं मिल रहा था। बड़ी संख्या में लोग अपने गंतव्य तक जाने के लिए देर रात तक वहां सवारी गाड़ी का इंतजार कर रहे थे।
डेड बॉडी लाने की मांग कर रहे थे जाम लगाने वाले लोग
इस घटना में मारे गए रविंद्र के पिता राजेंद्र सिंह ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि उन्होंने खुद लोगों से मना किया था कि जाम मत लगाओ, इससे लोग परेशान हो रहे हैं। नगर विधायक सुरेश बंसल, बसपा के जिलाध्यक्ष, सभासद आदि लोगों ने भी लोगों से जाम खुलवाने का अनुरोध किया लेकिन वे नहीं माने।
जाम लगाने वालों का कहना था कि पहले दोनों डेड बॉडी यहां लाओ, तब जाम खुलेगा। अंतत: पुलिस को लाठी चार्ज कर जाम खुलवाना पड़ा। रात दस बजे भीमनगर की गलियों में एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस उन लोगों को ढूंढ ढूंढ कर घर से निकाल रही थी, जो जाम लगाने में शामिल थे।
वहीं मौजूद डीएम निधि केसरवानी ने कहा कि जाम लगाने वालों की वीडियो बनाई गई है और इस आधार पर उन्हें पकड़ा जा रहा है। देर रात 12:40 बजे करीब ऐसे दो दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया था। देर रात एक बजे खबर लिखे जाने तक हालात तनावपूर्ण थे। इलाके में पुलिस बल तैनात था।