फर्जी प्रमुख सचिव गृह, आईजी-डीआईजी गिरफ्तार
फिर क्या था, वर्षो से फर्जीफिकेशन के नाम पर अपना धंधा चला रहे इन फ्राडों की कलई खुलते देर नहीं लगी। पुलिस लाइन के मनोरंजन कक्ष में इस फ्राडों की कुण्डली खोलते हुए पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने बताया कि चितबड़ागांव कस्बे में नीली बत्ती लगी एम्बेसडर कार खड़ी कर कुछ लोग मकानों का सर्वे करते हुए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की बात कर रहे थे। यही नहीं, सरकारी सहायता उपलब्ध कराने के एवज में मकान मालिकों से 300 रुपये की वसूली भी की जा रही थी। अपनी अवैध वसूली को वैध साबित करने के लिए ये जालसाज पूरी व्यवस्था करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय उत्तर प्रदेश के नाम से रसीद भी निर्गत कर रहे थे। इसकी भनक लगते ही चितबड़ागांव थाना पुलिस मौके पर पहुंच गयी। पुलिस पहले तो कुछ नहीं बोली, लेकिन जालसाजों का चाल-चलन व हाव-भाव देख पुलिस को माजरा समझते देर नहीं लगी। पुलिस ने जैसे ही इन पर शिकंजा कसा और छानबीन शुरू की तो तीन व्यक्तियों के पास से डीआईजी, आईजी व प्रमुख सचिव गृह का फोटोयुक्त पहचान पत्र बरामद हुआ। यही नहीं, इन लोगों के पास से भारत सरकार व प्रदेश सरकार से निर्गत कुटरचित दस्तावेज के साथ ही पुलिस की वर्दी भी बरामद हुई। उक्त दस्तावेज इनको सर्वे करने का प्राधिकार देता था। एसपी ने बताया कि इस गैंग का मुख्य सरगना कोतवाली थाना क्षेत्र के जेपी नगर निवासी सुरेन्द्र गुप्त पुत्र सुभाष गुप्त है, जो राष्ट्रसंघ विश्व शांति मिशन नाम की एक संस्था चलाता है। इस संस्था की आड़ में ही अन्य लोगों से सांठ-गांठ व मिलीभगत कर ऐसे कार्यो को अंजाम देता था। गिरफ्तार अन्य लोगों में सिकन्दरपुर थाना क्षेत्र के सिवानकलां निवासी दिलीप कुमार पुत्र उमाशंकर प्रसाद, मो. नजीर पुत्र इस्माईल, सुखपुरा थाना क्षेत्र के अपाईल निवासी शशिकांत राय पुत्र काशीनाथ राय, मऊ जनपद के मधुबन थाना क्षेत्र अंतर्गत खीरी कोठा निवासी पिन्टू गुप्त पुत्र गणेश गुप्त तथा गाजीपुर जनपद के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के पकौली निवासी रविन्द्र प्रजापति पुत्र भदुली प्रजापति शामिल है। पुलिस ने इन फ्राडों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 तथा 171 के तहत अभियोग पंजीकृत कर चालान कर दिया।