महाराष्ट्र में बिगड़े नेताओं के बोल, कोई ‘नागिन’ बना तो कोई ‘सपेरा’*

राज जायसवाल 
महाराष्ट्र के नेताओं के बीच इन दिनों जुबानी जंग धड़ल्ले से जारी है। अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोलने के चक्कर में कुछ नेताओं और मंत्रियों की जुबान फिसल रही है तो कुछ जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं। हाल ही में एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने भी ऐसा ही कुछ किया। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नगर पालिका के नल के सामने लगी लाइन में  फसाद करती औरत बता दिया था। जवाब में फडणवीस ने कहा कि उनको पता है कि उनके विरोधी क्या कर रहे हैं और उनके हमलों का जवाब सही समय आने पर दिया जाएगा।सीएम के इस जवाब पर सुप्रिया सुले और भड़क गईं। सुप्रिया ने जलगांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘सीएम ने बदला लेने की बात कही है, लेकिन कोई हमसे पंगा ना ले। औरत का स्वभाव कुछ ऐसा होता है कि वह अपने विरोधियों पर सिर्फ नजर रखती है। लेकिन जिस दिन वह हमला करेगा, यह दस नंबरी नागिन उसका जवाब देगी।’
सुले ने यह नहीं बताया कि दस नंबरी नागिन कहने का उनका मतलब क्या था? लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि वह खुद को ऐसा सांप बताना चाहती थीं जिसका जहर आम सांपों से दस गुणा ज्यादा खतरनाक होता है। हालांकि फडणवीस के साथ ही बीजेपी ने भी सुप्रिया के हमले पर चुप्पी साध रखी है लेकिन उनके एक राज्य मंत्री इस’नागिन’ को काबू करने के लिए आगे आ गए हैं। शिवसेना के विजय शिवतारे ने सुप्रिया का बयान आने के एक दिन बाद कहा, ‘अगर तुम नागिन हो तो मैं बारामती का सपेरा हूं। अगर उद्धव जी और सीएम इजाजत दें तो दिखा दूंगा कि मैं सांप से कैसे निपटता हूं।’ शिवतारे महाराष्ट्र सरकार में जल संरक्षण राज्य मंत्री हैं। फडणवीस सरकार के दूसरे मंत्री भी इन दिनों अपनी राजनीतिक बोलचाल की डिक्शनरी का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। पशुपालन मंत्री महादेव जानकर ने मंगलवार को बीजेपी नेता पंकजा मुंडे की जनसभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता अजीत पवार को गाली तक दे दी। ऐसा नहीं है कि महाराष्ट्र के नेताओं की सिर्फ जुबान ही फिसल रही है। कलम की स्याही से भीये लोग विरोधियों पर वार करने से पीछे नहीं हट रहे। पिछले महीने बीजेपी के मुखपत्र मनोगत में छपे एक लेख पर शिवसेना इतना भड़क गई कि उसने उससे पूछ लिया कि क्या वह सरकार में रहे या नहीं?लेख बीजेपी के प्रांतीय प्रवक्ता माधव भंडारी ने लिखा था, जिसमें उद्धव की तुलना फिल्म शोले में असरानी के निभाए किरदार से की गई थी। जवाब में शिवसेना के एक कॉरपोरेटर ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को गब्बर सिंह बता डाला था।

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