प्रेमी के लिए पति को छोड़ा, कोर्ट ने तलाक देने से किया इनकार

राज जायसवाल
मुबई  हाई कोर्ट ने मुंबई की बोरीविली की रहने वाली एक महिला की तलाक की याचिका को इसलिए स्वीकार नहीं किया क्योंकि उसने इस तथ्य को कोर्ट से छिपाया था कि वह ना सिर्फ अपने प्रेमी के साथ रह रही थी बल्कि उस रिलेशनशिप से उसका एक बच्चा भी है। जस्टिस अभय ओका और अमजद सईद की डिविजन बेंच ने फैमिली कोर्ट के उस फैसले का भी समर्थन किया 

जिसमें महिला पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। क्रूरता और परित्याग के आधार पर यह महिला पिछले एक दशक से अपने पति से तलाक लेने की कोशिश कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि उस महिला ने बेहद अहम जानकारी को छिपाकर रखा कि हकीकत में वह अपने पति को छोड़कर दूसरे आदमी के साथ रह रही थी। इतना ही नहीं तलाक का केस दायर करने के बाद जब उसका अपने प्रेमी से झगड़ा हो गया तो वह कुछ दिनों के लिए अपने पति के घर पर रहने लगी। तलाक की अर्जी दायर करने से पहले और केस की सुनवाई के दौरान रिश्ते को बनाए रखने के लिए जो उसका व्यवहार था उसके आधार पर वह तलाक की हकदार नहीं है। दोनों जजों ने कहा, जिस तरह से उसने तथ्यों को छिपाया है वह इस नतीजे पर पहुंचने के लिए काफी है कि उसका केस झूठ की बुनियाद पर बनाया गया है। उसकी शादी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और उसमें अब कुछ नहीं बचा,कोर्ट को यह बताकर उस महिला ने एक आखिरी कोशिश की लेकिन इससे भी कोर्ट के फैसले पर कोई असर नहीं पड़ा।

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