यशपाल सिंह/आजमगढ़
आजमगढ़। चीनी मिल सठियांव पर सोमवार को प्रबंध निदेशक डा. बीके यादव मिल पहुंचे और देर शाम तक समीक्षा कर प्रधान प्रबंधक बीके अबरोल को जांच कमेटी गठित कराने का निर्देश दिया। साथ ही संचालक मंडल दल को भरोसा दिलाया कि नुकसान की भरपाई संबंधित कम्पनी से नियमानुसार की जायेगी। सठियांव मिल घाटे में जा रही है कि सूचना उजागर होने पर चीनी मिल प्रशासन और आला अधिकारियों में हड़कंप मचा ह। शासन प्रशासन के कड़े रुख के बाद सोमवार को कार्यदायी संस्था (इसजैक) के बड़े अधिकारी मिल में जांच करने पहुंचे। घंटों जांच पड़ताल के बाद समीक्षा बैठक में जब उपसभापति पराग यादव ने प्लांट यूटीलाइजेशन (मिल क्षमता) पर फोकस किया तो संस्था के लोग बगले झाकने लगे। मिल की पेराई क्षमता 35 हजार कुन्तल है। नये सत्र 2016-17 के शुभारम्भ के एक महीने बाद भी 30 हजार कुन्तल से ज्यादा गन्ने की क्रसिंग नहीं हुई। प्रबंध निदेशक ने जब मामले को संज्ञान में लिया तो खुलासा हुआ कि अगर पूरी क्षमता से मिल चलती तो सोमवार तक 10 लाख 50 हजार कुन्तल गन्ना क्रय होता। मिल घाटे में जाने का यह एक बड़ा कारण है। प्रबंध निदेशक ने लोडर-अनलोडर, फिडर, व जनरेटर को तत्काल प्रभाव से ठीक कराने के साथ मंगलवार तक कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश संस्था के अधिकारियों को देते हुए पूछा कि मिल पूरी क्षमता से कब तक चलने लगेगी। उस पर इसजैक कम्पनी के अधिकारी ने 23 दिसंबर का दिन सुनिश्चित किया। प्रबंध निदेशक ने विभिन्न कारणों से 92 घंटे की बंदी और फैक्टरी के नुकसान के आकलन के लिए प्रधान प्रबंधक बीके अबरोल को फेडरेशन से कमेटी गठन कराने का फरमान सुनाया। श्री यादव ने कहा कि मिल कुशल कर्मचारियों व अधिकारियों की कमी है जिसकी पूरी जिम्मेदारी इसजैक कम्पनी की है। उनके साथ 2 साल का करार हैं। ऐसे में वो खुद जवाब दे।