बलिया के प्रमुख समाचार अंजनी राय के साथ
राजनीतिक बहस के दौरान मारपीट, युवक घायल
बलिया : सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के ईसारपिथापट्टी गांव में राजनीतिक बहस के दौरान हुए विवाद में एक युवक ने मनोज वर्मा (30) को ईंट का प्रहार कर घायल कर दिया। पीड़ित ने इस संबंध में पुलिस को तहरीर दे दिया है। रामपुर हजया गांव निवासी मनोज वर्मा ईसारपीथापट्टी चट्टी पर मेडिकल स्टोर चलाते हैं। ईसारपीथापट्टी गांव निवासी हिरामन वर्मा के पुत्र की बारात रविवार की शाम को भीमपुरा थाना क्षेत्र के मुजैनी गांव में गई थी जिसमें मनोज व ईसारपीथापट्टी निवासी युवक विरेंद्र वर्मा भी शामिल थे।
वहां पर मनोज व बीरेंद्र के बीच हो रही राजनीतिक बहस मारपीट में बदल गई तब बारात में शामिल लोगों ने दोनों को समझा बुझाकर शांत करा दिया। बारात से वापस आ सोमवार को सुबह मनोज अपनी दुकान खोल रहे थे उसी दौरान वीरेन्द्र वर्मा अचानक वहां आया और मनोज के सर पर ईट से प्रहार कर दिया। जिससे उसका सर फट गया हमला करने के बाद वीरेंद्र वहां से भाग गया, जबकि चट्टी के लोगों ने इलाज हेतु मनोज को स्थानीय सीएचसी पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने उसे सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
विविध आयोजनों के साथ मनी अमीर खुसरो की जयंती
बलिया : सिकंदरपुर क्षेत्र के मदरसा जामिया रशीदिया रिजविया सैयदपूरा के प्रांगण में प्रसिद्ध शायर अमीर खुसरो की जयंती विविध आयोजनों के साथ मनाई गई। जिसमें उर्दू साहित्य से जुड़े लोगों व शायरों ने भाग लिया। वक्ताओं ने जहां उनके उर्दू शायरी के हर पहलुओं के बारे में चर्चा किया वही शायरों ने अपने कलाम के माध्यम से उनकी जीवनी पर रोशनी डाली।
शिवपुर दियर नई बस्ती में स्वच्छता फ्लाप, गांव के युवको ने श्रमदान से नालियों की सफाई
बलिया। भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चढ़ा रहे दुबहर ब्लाक के शिवपुर दीयर नई बस्ती गांव की बजबजाती नालियों एवं गंदे रास्तों की श्रमदान के माध्यम से साफ-सफाई कर गांव के युवा मंडलों ने एक नई मिसाल कायम की युवाओं के इस कार्य की सराहना ग्रामीणों ने खुले मन से की दुबहर विकासखंड के शिवपुर दीयर नई ग्राम शिवपुर नई बस्ती में सफाई कर्मियों की लापरवाही के कारण गांव की नालियां एवं सड़क के गंदगी से पटे पड़े थे जिस पर लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हो रही है।
इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए गांव के युवाओं ने अपने हाथ में कूदा ली और फावड़ा लेकर गांव के बारे बजाती नालियों और सड़क की साफ-सफाई की युवाओं के इस उत्साह को देखकर गांव के लोग भी युवाओं की मदद को आगे बढ़ने लगे देखते ही देखते गांव के लगभग दो-तीन रास्ते और दो-तीन नालियों की साफ सफाई हो गई युवाओं ने कहा कि श्रमदान से यह कार्य पूरे गांव में चलाया जाएगा सफाई कर्मी नहीं आते हैं आते भी है तो साफ नहीं करते इसकी इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को भी दी जाएगी।
महिलाओं को सशक्त एवं अधिकारों को सर्वव्यापी बनाने की जरूरत : नवचंद्र
बलिया। विश्व महिला दिवस के अवसर पर उनके पक्ष व प्रगति के बारे में तमाम आयोजन, संगोष्ठियां व चर्चायें होंगी परंतु स्त्रियों के बारे में महज एक दिवस विशेष के दि नही सकारात्मक सोच पर्याप्त नहीं है बल्कि उन्हें तो हर दिन सशक्त, सुरक्षित, अधिकारों से लैश एवं सर्वव्यापा बनाना होगा।
नारी जिसकी उपस्थिति ही सृष्टि का आधार है। उससे ही सम्पूर्ण सृष्टि गौरान्वित है। पुरूष यदि गृहस्थ रूपी सागर में जिम्मेदारी रूपी नाव का खेवैया है तो स्त्री पतवार है। यह पुरूष की शक्ति है। पुरूष उसके बिना अधूरा है। सृष्टि के आरम्भ से ही वह पूज्यनीय व सम्मान योग्य है, तभी तो मनुस्मृति में लिखा है यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता।
विश्व गुरू भारत में तो उनका अतीत ही गौरवशाली रहा है। सीता, सावित्री, शकुंतला, मैत्रेयी, गार्गी, विद्योत्तमा, अनुसुइया, रानी पद्रमा, लक्ष्मीबाई, पन्ना आदि जैसी विदुषी व वीरांगनाएं इतिहास की स्वर्णिम अध्याय है। यद्यपि मुगलकाल में स्त्रियों की दशा दयनीय हो गई थी परंतु समाज सुधारकों के प्रयास से उनकी दशा में उतरोत्तर सुधार होता गया। हालांकि यह दिवस सर्वप्रथम अमेरिका में 28 फरवरी 1909 को मनाया वर्तमान में भी वह बुलंदी को स्पर्श करने के निमित्त हरपल व्याकुल व प्रयासरत है। आधुनिक विकास के प्रत्येक क्षेत्र में उसने अपने विवेक, साहस व योग्यता का अहसास कराया है। ‘अबला‘ शब्द को उन्होंने ‘सबला‘ में परिवर्तित कर दिया है। लगन व ईमानदारी का परचम उनके उत्थान का ही प्रतिक है। आज हर महिलाओं को खुले में सांस लेने का अधिकार है।
परंतु कुछ विडम्बना व दुखद पहलु अब भी है। पुरूष वर्चस्ववादी समाज में बौद्धिक क्षमता से हीन व मानसिक संर्कीणता से ग्रसित कतिपय व्यक्ति उन्हें सफल नहीं होने देने चाहते है। आज नारी सशक्तिकरण के दौर में भी कन्या भ्रूण हत्या, उनके प्रतिष्ठा को रौदने, मानसिक आघात व पीड़ा पहुंचाना व दूसरों की इच्छाओं का दास बनाना जैसी घटनायें सभ्य समाज के मुंह पर जोरदार तमाचे जड़ती है।
आज सम्पूर्ण पुरूष समाज को उनके खुशहाली व सफल जीवन हेतु परिस्थितियों का माहौल तैयार करना होगा। उनका आदर ही हमारी शान व सुकून है। कुछ संस्थायें व कैफे अभावग्रस्त प्रताड़ित या तेजाब के हमले की शिकार महिलाओं की मदद भी कर रहा है। यह एक आदर्श पहल है। आगरा, लखनऊ व उदयपुर कैफे इसकी सराहनीय मिशाल है। आज आठ मार्च को ऐसे ही कैफों को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित भी किया जायेगा। महिला बाल विकास मंत्रालय भी तेजाब पीड़ित 30 महिलाओं को सम्मानित करेगा। वर्तमान केन्द्र सरकार भी मुस्लिम महिलाओं के ‘तलाक‘ जैसी कुप्रथा को मात्र शब्दों से ही देने की प्रक्रिया को समाप्त करने पर विचारशील है। आइये हम सब उनके मर्यादित व खुशहाल जीवन हेतु सदा सकारात्मक सोच अपनायें। जहां भेदभाव की लेश मात्र की गुंजाइश न हो।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी सिफारिश
बलिया। उच्च शिक्षा में सुधारों को लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के पत्र 22 फरवरी 2017 का अवलोकन किया गया, जिसमें बताया गया कि शोध छात्रों को शोध अहधेत्तवृत्ति 25 हजार रूपये प्रतिमाह प्रदान करने, 19 अगस्त बलिया बलिदान दिवस को भारत वर्ष के सभी विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक कैलेण्डर में अवकाश घोषित करने, यूजीसी द्वारा बाध्यकारी एपीआई व्यवस्था को समाप्त करने तथा नई शिक्षा नीति को राष्ट्रीय कलेवर देने सम्बंधी मांगों पर गृह मंत्रालय द्वारा गंभीरता से विचार किया गया है। साथ ही उक्त को लागू करने हेतु मानव संसाधन विकास मंत्रालय को आवश्यक कार्यवाही हेतु सिफारिश की है। जिसके लिए भारत सरकार को धन्यवाद ज्ञापित की गयी।
करेक्टिव सर्जरी फालोअप के लिए मंगलवार को पहुंचे जिला अस्पताल
बलिया। जनपद के समस्त विकलांग जनों को सूचित करते हुए जिला विकलांग जन विकास अधिकारी कृष्ण कान्त राय ने कहा है कि जिनका करेक्टिव सर्जरी 06 फरवरी से 08 फरवरी, 2017 तक जिला चिकित्सालय में किया गया था उनका द्वितीय फालोअप हेतु दिल्ली के दो सदस्यीय टीम का आगमन 07 मार्च को जिला चिकित्सालय में हो रहा है। जिन मरीजों को फालोअप कराना है वे 07 मार्च को सुबह 10.30 बजे जिला चिकित्सालय बलिया पर पहुंचकर अपना फालोअप कराना सुनिश्चित करें।