अवध विश्वविद्यालय में अनुमोदित प्राचार्य/केन्द्राध्यक्ष के नाम पर फिर शुरु हुआ गोरखधन्धा
प्रमोद दुबे
विश्वविद्यालय मुख्य परीक्षा 2017 में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों से अनुमोदित प्राचार्य का नाम बार बार मांगने के बावजूद न मिलने पर पुन: एक बार 2016 की तरह विश्वविद्यालय से केन्द्राध्यक्ष प्रदान करने के नाम पर रुपया 50000 की डी.डी.निर्धारित कर दी गयी है।(www.rmlaunotice 12.02.2016)
जिस पर सवाल खड़ा होता हैकि विश्वविद्यालय को ऐन परीक्षा के वक़्त ही अनुमोदित प्राचार्य की याद क्यों आती है ? दूसरी तरफ जब ऐसे प्राचार्य व शिक्षक विहीन महाविद्यालयों को हजारो छात्रो का प्रवेश फार्वर्ड किया गया तब क्यों नहीं देखा गया कि प्राचार्य है या नहीं ? या फिर अनुमोदित प्राचार्य विहीन महाविद्यालयों को केन्द्राध्यक्ष बनाने का मात्र गोरखधन्धा मोटी रकम व धन उगाही के लिए ही किया जा रहा है। आखिर कुलपति अवध विश्वविद्यालय द्वारा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के सामने घुटना टेक दिया है 2013 में कुलपति द्वारा अपनायी गयी नीतिपरक व पारदर्शी परीक्षा का सच सामने आ ही गयाकि सारी हनक मात्र धन उगाही का ही हथियार है, नियम व मानक का अनुपालन नहीं।