दादाजी के मार्गदर्शन से मिला शिवराज को बॉडी बिल्डर्स बनने का मोका
PNN24 के प्रतिनिधि अब्दुल रज़्ज़ाक़ थोई व् शिवराज के बीच बातचीत के मुख्य अंश इस प्रकार है
PNN24—-बिल्डर्स बनने का शोक आपको कैसे लगा –
शिवराज —हमारे दादाजी और पिताजी को देखकर मुझे शौक लगा और ये मेरे मार्गदर्शक बने। और में आज यहा तक इनकी वजह से ही पहुँचा हु ।में इनका आभार अपने शब्दों में व्यक्त नही कर सकता ।
PNN24 —बिल्डर्स बनने की प्रेरणा आपको किस से मिली –
शिवराज —मुझे बचपन से ही बॉडी बिल्डर बनने का शौक था। मगर मुझे कठिन परीश्रम मेरे कोच मो.कसीम खान जी से मिला। जो आज फिट वेल जिम के मालिक है।
PNN24 —अब तक आपको कितनी बार मैडल मिला –
शिवराज –-मेने अब तक जयपुर राजस्थान में कई बार खेला ।परन्तु मुझे हर बार निराशा मिली। और जब मेरे कोच मो.कासीम खान ने मुझे कड़ी ट्रेनिंग करवाई और मैने राजस्थान में 55-60 किलोग्राम में मैने पहला गोल्ड जीता।
PNN24 —इस मुकाम पर पहुँचने में आपको किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ।
शिवराज –मै रोज सुबह 5 बजे उठकर एक्सरसाइज़ करता था । जिसमे 2000 एबडोमिनल , 500 पुश अप्स , कार्डियो शामिल थे और शाम को मेरे कोच मो. क़ासिम खान मुझे कड़ा वर्कआउट करवाते थे।
PNN24 —मि.इंडिया गुड़गांव में क्या अनुभव रहा
शिवराज —मेने अपने शहर जयपुर व अपने राज्य राजस्थान का नाम मि.इंडिया टॉप दस में रहकर अपने राज्य का नाम रोशन किया।इसमें में अपने शहर व अपने राजस्थान वासियो का अपने तहेदिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हुँ।
PNN24—अब तक आप कहा-कहा चयनित हुए-
शिवराज –मेरा अब तक चयन मि.जयपुर , मि.राजस्थान ,मि. इंडिया (गुड़गांव) में हुआ।