कहावत है कि-“जाति स्वभाव कबौ न छूटै कुकुर टांग उठायकै—“।कहने का मतलब है कि कभी किसी का स्वाभाव नहीं बदलता है।बिल्कुल कुछ ऐसी ही स्थिति हमारे पड़ोसी पट्टीदार दुश्मन पाकिस्तान की है वह उसी कार्य को करता है और मौका पड़ने पर उसी से मुकर जाता है।उसकी स्थिति सौ सौ जूता खाय तबौ तमाशा घुसिकै देखने जैसी हो गयी है।पाकिस्तान हमारा भाई होने के बावजूद हमसे दुशमनों जैसा व्यवहार कर रहा है।उसकी मक्कारी की चर्चाएँ दुनिया भर में हो रही है।वैसे पाकिस्तान अपने देश में आतंकियों की नर्सरी तैयार करके उसका निर्यात दुनिया भर में करके आसुरी प्रवृत्तियों को बढ़ावा दे रहा है लेकिन हमारे साथ वह ऐसी हरकतें कर रहा है जो किसी भी स्तर पर जायज नहीं कही जा सकती है।
हर देश की अपनी सेना होती है लेकिन सभी एक अन्तराष्ट्रीय नियमों से बंधे होते हैं और नियम के विपरीत वह दुश्मन देश के सैनिकों के साथ कुछ नहीं करते हैं।पाकिस्तान इतना बेहइया है जो दुनिया के नियमों को ठेंगा दिख रहा है और जब फंस जाता है तो हाथ पैर जोड़ने लगता है। सेना कई बार पाकिस्तानी सेना को धूल ही नहीं चटा चुकी है बल्कि युद्ध के दौरान उन्हें बंदी भी बना चुकी है।हमारी सेना ने कभी भी युद्धबंदी सैनिकों के साथ कुछ ऐसा व्यवहार नहीं किया जो अन्तरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ हो लेकिन पाकिस्तानी सेना अबतक कई बार नियमों का उल्लंघन कर चुकी है।कई बार हमारे सैनिकों के साथ बर्बरतापूर्ण कारवाई कर चुकी है। अभी तीन दिन पहले जम्मू काश्मीर के कृष्णा घाटी सेक्टर में सेना के दो जवानों के साथ बर्बरता करके उनका सिर काट लिया गया है।पाकिस्तानी सेना की इस नापाक हरकत से पूरा देश गुस्से में है और देश के विभिन्न शहरों में सैनिकों के सम्मान व घटना के विरोध में रैलियां और पाकिस्तान के खिलाफ उग्र प्रदर्शन और पाकिस्तानी झंडे को जलाया जा रहा है।इतना ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री व उनके सेना प्रमुख बाजवा के पुतले भी जलाये जा रहे हैं।देशवासियों के साथ ही शहीद जवानों के परिजन भी पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाकर गुस्से का इजहार कर रहे हैं और तुरंत बदला लेने की माँग कर रहे हैं।
देवरिया के शहीद बीएसएफ जवान हेड कान्सटेबिल प्रेमसागर की बेटी सरोज ने अपने शहीद पिता के एक सिर के बदले में पचास सिर की माँग की है।लांसनायक शहीद हेमराज की माँ का कहना है कि सरकार ने वायदा किया था कि अगर उनकी सरकर बनी तो एक सिर के बदले दस सिर लाये जायेगें। हेमराज के शव के साथ भी बर्बरता की गयी थी।22 सिख इन्फैंट्री के शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह के परिजनों ने पहले तो सिर कटा शव ही लेने से इंकार कर दिया था किन्तु बाद उनके शव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक रतन तारन के वेईपुर में कर दिया गया।अंतिम संस्कार के पहले उनके लड़के ने सेना में भर्ती होकर खुद बदला लेने की घोषणा की है।
हमारे सैनिकों के सिर कटने की यह पहली घटना नहीं है बल्कि मोदी सरकार में ही सिर काटने की यह तीसरी घटना है।हमारी सेना शहीद सैनिकों का बदला लेने में जुट गयी और अब तक कई पाकिस्तानी सैनिक मारे व तमाम बंकर व चौकियों को तबाह हो कर चुके हैं।हमारी सेना के जवानों ने एक बार फिर बता दिया कि अगर राजनैतिक इच्छाशक्ति हो तो वह कुछ भी करने में सक्षम हैं ।आजादी के बाद से ही पाकिस्तान के मामले में सेना को कभी अपना मिशन पूरा करने नहीं दिया जाता है और राजनीति आड़े आ जाती है।अगर राजनीति आड़े नहीं आती तो शायद आज जम्मू काश्मीर की समस्या ही नहीं रह जाती और हमारी सेना उसी समय कब्जा कर लेती और गुलाम काश्मीर नहीं बनता।शिमला समझौता हमारी सेना का मनोबल गिराने वाला था जिसका पाकिस्तान लगातार उल्लंघन करता चला आ रहा है।अगर शेख अब्दुल्ला की जगह राजा हरीसिंह को वहाँ का मुख्यमंत्री बना दिया गया होता तब जम्मू काश्मीर के यह हालात न होते।हमारे बेगुनाह सैनिकों को मारा जा रहा है उनके साथ बर्बरता की जा रही है और हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्या आतंकियों से करवाई जा रही है।हमारे बहादुर देशभक्त सैनिकों को दुशमनों के चाटे खाने पड़ रहे हैं अपना सिर कटवाना पड़ रहा है यह अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है।हालाँकि सैनिकों को बेगुनाह मारना भी अन्तरराष्ट्रीय नियमों और मानवता के खिलाफ है यहीं कारण है हमारी सेना कभी ऐसी ओछी हरकतें नहीं करती है। सिर क्या चीज है हम शरीर के हर अंग को काट सकते हैं लेकिन हम ऐसा कर नहीं सकते हैं क्योंकि हम अहिंसा परमो धर्मः का पाठ पढ़े हुये हैं।एक बार की गलती माफ हो सकती लेकिन बार की गलती माफ नहीं की जा सकती है।परमाणु बम की धमकी के बल पर आतंकवादियों की नर्सरी तैयार करके उसे निर्यात करना अन्तरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करना और दुनिया को बेवकूफ बनाना अब बर्दाश्त से बाहर होता जा रहा है।यह कैंसर के रोग जैसा होता जा रहा है इसका आपरेशन करना जरुरी है।