जब तक प्रदेश में शांति नहीं होती तब तक पानी पीकर उपवास करूँगा : मुख्यमंत्री शिवराज
भोपाल : मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के 9वें दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में शांति बहाली के लिए उपवास शुरू कर दिया है। उनके साथ उनकी पत्नी साधना सिंह और कैबिनेट के कई मंत्री भी मौजूद हैं। शिवराज ने कहा, किसान के बिना मध्य प्रदेश आगे नहीं बढ़ सकता है। मैं हमेशा से किसानों के साथ खड़ा रहा हूँ। हमारी सरकार ने मालवा को रेगिस्तान बनने से बचाया। प्रदेश की 40 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई की व्यवस्था हुई। पिछले साल हमने प्याज खरीद कर किसानों को राहत दी थी। एक-एक प्याज खरीदा जाएगा, किसानों की मेहनत बेकार नहीं जाने दी जाएगी। प्याज की खरीद जारी रहेगी।
सीएम ने आगे कहा, किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य देने के लिए सरकार पूरा काम करेगी। तुअर, मूंग और उरद को सरकार खरीदेगी। बिना किसानों की अनुमति के उनकी जमीन नहीं खरीदी जाएगी। रबी और खरीफ दोनों फसल का कर्ज एक बार में दे दिया जाएगा। शिवराज ने कहा, मंदसौर की घटना से अंदर तक हिल गया। इसका मुझे अफसोस है। मृतकों को हम वापस नहीं ला सकते हैं, लेकिन उनके परिजनों के साथ हमेशा खड़ा रहूँगा। मंदसौर की घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। अभी प्रयास नहीं किया गया तो ये शांत प्रदेश हमेशा के लिए बिगड़ जाएगा।
मन में पीड़ा है इसलिए उपवास पर बैठ रहा हूँ। ऐसी परिस्थितियां पैदा हुई हैं तो मैंने फैसला लिया है कि खुद को तकलीफ दूंगा। सिर्फ पानी पीकर उपवास करूंगा। जब तक प्रदेश में शांति नहीं होती तब तक उपवास करूंगा। सीएम ने कहा कि इसी मैदान में लोगों से चर्चा करूंगा। अलग-अलग संगठन के लोग यहां आएं। किसान प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करूंगा। यहीं पर सरकार के फैसले लूंगा। पूरा मंत्रीमंडल यहीं से चलेगा। इससे प्रदेश में शांति का संदेश दूँगा। इस हिंसक प्रदर्शन में बहुत नुकसान हुआ, 100 से ज्यादा पुलिस वाले घायल हुए। इसमें 6 गंभीर रूप से घायल हुए, 195 प्राइवेट बसें जलाई गईं, 127 सरकारी बसें जलाई गई। दूध बहा दिए गए। सब्जी फेंक दी गई। दूसरे का सामान तोड़ा जा रहा है। बेकुसूर लोगों का हर तरह से नुकसान हुआ है, बच्चों को उनके मॉ-बाप घर से इस डर से निकलने नही दे रहे कि कहीं बाहर कुछ अनहोनी न हो जाए। हम हर तरह से किसानों के साथ है, उनकी जो भी वाजिब मॉगें हैं उनको सरकार बिना लाग-लपेट मानेंगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नें यह कदम उस समय मजबूर होकर उठाया जब मंदसौर की हिंसा सीधे भोपाल आ धमकी। शक्ति प्रदर्शन करके सीएम पहले ही उसका खामियाजा भुगत रहे हैं, ऐसे में उपवास जैसा कदम उठाकर मध्यप्रदेश सरकार नें यह संदेश दे डाला है कि किसानों के उग्र प्रदर्शन के आगे पूरी सरकारी मशीनरी बौनी साबित हुई है। अब इस उपवास का असर जलते मध्यप्रदेश पर कितना पड़ेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।