आईएएस का परिवार बैंगलूरू में कर रहा बेटे की मौत की वजह की तलाश
इस दौरान पुलिस और पीडि़त परिवार के बीच जांच को लेकर वैचारिक मतभेद देखने को मिले हैं। परिवार पुलिस की जांच पर सवाल उठा रहा है जबकि पुलिस की जांच में मिले सबूत उसकी थ्योरी को सही साबित करते नजर आ रहे हैं। लेकिन परिवार पुलिस की थ्योरी को मनगढंत व खानापूर्ति बताकर अब अपने स्तर से जांच में जुट गया है। यही वजह है कि एसआईटी टीम के साथ बैंगलूरू गए दिवंगत आईएएस अनुराग के भाई मयंक ने जांच टीम के साथ वापस लौटने से इंकार कर दिया और वहीं रुक गए। उन्होंने अपने परिवार को भी बुला लिया। उनका कहना है कि एसआईटी टीम ने जांच के दौरान जिन पहलुओं को नजर अंदाज किया है वह उसक अपने स्तर पर जांच पड़ताल करेंगे। यही नहीं उनका यह भी दावा है कि वह बेटे की हत्या का राज खोलेंगे गौरतलब हो कि गत एक जून को लखनऊ एसएसपी दीपक कुमार ने मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम को बैंगलूरू भेजा था। टीम के साथ आईएएस अफसर अनुराग तिवारी के भाई मयंक भी गए थे। जांच टीम ने बैंगलूरू स्थित आईएएस अफसर के आफिस और उनके आवास की जांच पड़ताल की थी। साथ ही कई अधिकारियों व कर्मचारियेां से पूछताछ कर लौट आयी है सीबीआई जांच में देरी से परेशान परिजन पीडि़त परिवार का कहना है कि वह मु यमंत्री से आईएएस की मौत के मामले में सीबीआई जांच के लिए मिले थे। उन्हें आश्वाशन भी मिला था। लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक सीबीआई जांच को हरी झंडी नहीं मिल सकी है। उनका आरोप है कि इस मामले में बड़े स्तर पर राजनेता और अधिकारी मामले को दबाने का दबाव बना रहे हैं। यही वजह थी कि वह दोबारा मु यमंत्री से मिलना चाहती है लेकिन उनकी मुलाकात अभी तक नहीं हो सकी। ये चूक बनी वजह पुलिस टीम घटना की सूचना पर पहुंची लेकिन हमेशा की तरह लापरवाही बरतते हुए वापस लौट आई। जब मामले ने तूल पकड़ा तो हजरतगंज पुलिस मौके पर पहुंची। ये भी बड़ी वजह थी कि पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगा। इसके अलावा आईएएस अफसर का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ न कर पाना भी पुलिस टीम को कटघरे में खड़ा कर रहा है।