एक पाठक दिनेश शर्मा के कलम से – चौबे जी चले छब्बे बनने

एक कहावत है कि ‘चौबे गये छब्बे बनने, दुबे बनकर आ गये ऐसा ही कुछ बीएमसी सभागृह में देखने को मिला है। ये कहानी है शताब्दी अस्पताल में दो मरीजों को चूहा काटने का मुद्दा गुरुवार को चल रहा था, इसी बीच कांदिवली से नगर सेवक कमलेश यादव पिंजरे में चूहा लेकर सभागृह में पहुँच गए । यादव ने पिंजरे में कैद चूहे को अपनी पार्टी के भाषण के दौरान सभी को दिखाया । उनके इस कृत्य का ऐसा असर महापौर पर हुआ कि महापौर विश्वनाथ माहडेस्वर ने उन्हें तुरंत सभागृह से बाहर का रास्ता दिखाया और सख्त लहजे में उन्हें बाहर जाने का आदेश दिया।
आपको बता कुछ साल बने हुए शताब्दी अस्पताल का मेंटेनेंस अब भी ठेकेदार के जिम्मे ही है। नगरसेवक कमलेश यादव की हरकत देख कर एक कहावत याद आई चौबे जी छब्बे बन्ने चले थे दूबे जी बन गए I अब इस नगरसेवक की हालत पर एफ रेडियो भी चटखारे लेकर बातें बना रहे है की आखिर ऐसी कौन सी चाहत थी जो ऐसा करना पड़ा ।
साभार दिनेश शर्मा

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