कल तक थे संघ के खिलाफ, अब नितीश – मोहन भगवत के साथ होगे एक मंच पर
जावेद अंसारी / अनुपम राज
कहते है राजनीती का ऊंट कब किस करवट बैठ जाये इसका कोई ठिकाना नहीं है. आज जो एक दुसरे के विरोधी है वह कब एक दुसरे के गले मिलकर एक दुसरे के साथ राग अलापते नज़र आये कुछ कहा नहीं जा सकता है. इसका जीता जागता उदहारण देख सकते है आप बिहार की राजनीती में जहा चुनाव पूर्व नितीश कुमार ने अपने पुराने साथी लालू यादव से गले मिल कर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा और मुख्यमंत्री के कुर्सी पर “एक और बार नितीश कुमार” के नारे के साथ काबिज़ हो गये. इस दौरान नितीश ने कई जनसभाओ में जमकर संघ पर तीर छोड़े और संघ मुक्त भारत का नारा तक दे दिया था. वही दूसरी तरफ भाजपा जो विपक्ष की भूमिका में थी उसने नितीश कुमार को सुशासन बाबु की जगह कुशासन बाबु का टायटल दे रखा था.
समय ने फिर करवट लिया और भाजपा के गोद से उतरने वाले नितीश जो कल तक सुशासन बाबु थे और गोद से उतरने के साथ ही कुशासन बाबु हो गये थे एक बार फिर से भाजपा के साथ जाने पर सुशासन बाबु के रूप में आ गये और सत्ता पर काबिज़ रहे. कल तक संघ को पानी पी पी कर कोसने वाले और संघ मुक्त भारत का सपना देखने वाले नितीश कुमार की आंखे खुली और अब उसी संघ के पाले में खड़े होकर भाजपा का दामन पकड़ लिया. यही नहीं कल तक संघ को पानी पी पीकर कोसने वाले नितीश अब उसी संघ के साथ मंच को भी सांझा करेगे.
संघ मुक्त भारत की बात करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सर संघचालक मोहन भागवत के साथ इस सप्ताह में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में नजर आ सकते हैं। 11वीं सदी के ब्रह्मज्ञानियों के सम्मान में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। ब्रह्मज्ञानी आचार्य रामानुज की 1000वीं जयंती के मौके पर दोनों के ”धर्म संसद” में भाग लेने की उम्मीद है। रामानुज 1017 एडी में पैदा हुए थे, जिनकी शिक्षाओं ने भक्ति आंदोलन को प्रभावित किया था। समारोह के एक हिस्से के रूप में रामानुज के अनुयायियों ने बुधवार को बिहार के भोजपुर शहर से 4 किलोमीटर दूर चंदवा गांव में एक यज्ञ का आयोजन किया है। हालांकि जनता दल यूनाइटेड ने आधिकारिक तौर पर नीतीश के भाग लेने का एेलान नहीं किया है, लेकिन पार्टी के एक शीर्ष नेता ने पुष्टि की है कि मुख्यमंत्री इसमें मौजूद रहेंगे। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू के नेता ने कहा, इसमें क्या बड़ी बात है। अब हम एनडीए में हैं तो हमें बीजेपी और उसके सहयोगियों को अपनाना होगा। जेडीयू नेता ने कहा, जब पहले जेडीयू-बीजेपी साथ थे तब भी मोहन भागवत ने जनता दरबार में नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। एक शीर्ष बीजेपी नेता ने भी नीतीश कुमार के शामिल होने की पुष्टि करते हुए कहा कि वह कार्यक्रम में केवल एक घंटे के लिए शामिल होंगे।