वाराणसी – पुलिस प्रशासन ने बखूबी बिताया शांति पुर्वक दुर्गापूजा और मुहर्रम.
प्रशंसनीय कार्य रहा आदमपुर और सिगरा थाना प्रभारी का
वाराणसी. दुर्गापूजा और मुहर्रम एक साथ पड़ने के कारण जिला प्रशासन के माथे पर शिकन तो थी. प्रशासन को इन दोनों त्योहारों को शंतिपुर्वक और सकुशल निपटाना एक बड़ी चुनौती थी. प्रदेश में दुर्गापूजा और मुहर्रम के कारण हर शहर में फ़ोर्स की कमी थी. माहोल को गरमाने वालो की भी कमी नहीं थी. सुबह होते ही विभिन्न जिलो से तनाव और अप्रिय घटनाओ की सुचना के साथ वाराणसी पुलिस प्रशासन कमर कस के खड़ा हुआ और शान्तिपुर्वक त्योहारों को निपटा दिया. यह काफी सालो के बाद मुहर्रम और दुर्गापूजा एक साथ पड़ी और इसको सकुशल बिना किसी छोटी बड़ी घटना के वाराणसी पुलिस प्रशासन ने निपटा दिया. वाराणसी पुलिस के उच्चाधिकारियों तो इस कामयाबी में प्रशंसा के पात्र है मगर इसके अतिरिक्त कई अन्य थाना क्षेत्र के पुलिस कर्मी और थाना प्रभारी की सुझबुझ इस शांति हेतु प्रशंसा के पात्र है.
आदमपुर थाना प्रभारी अजीत मिश्रा :-
आदमपुर थाना प्रभारी अजीत मिश्रा ने अपने अनुभव और सूझबुझ का परिचय दिया. आस पास के कई थाना क्षेत्र की ताजिया और प्रतिमा इसी थाना क्षेत्र से होकर जाती है. आदमपुर के गोला और हनुमान फाटक क्षेत्र से होकर गुजरने वाली ताजिया लाट स्थित कर्बला में दफन हेतु जाती है. हनुमान फाटक और गोला क्षेत्र में अक्सर आपसी विवाद अथवा अन्य विवाद होता है. थाना प्रभारी के लिये एक मुश्किल यह भी थी कि थाने पर जो पुराने दरोगा और चौकी इंचार्ज पोस्टेड थे उस सबका स्थानांतरण हो चूका था. विशेष असर हनुमान फाटक चौकी इंचार्ज चन्द्र प्रकाश कश्यप के स्थानान्तारण से पड़ सकता था. क्योकि लम्बे समय से चौकी इंचार्ज चन्द्र प्रकाश कश्यप का क्षेत्र में अच्छा प्रभाव था और क्षेत्र की अच्छी जानकारी भी थी. स्थानांतरण के बाद नये आये चौकी इंचार्ज महेश सिंह के लिये भी यह एक प्रकार से अग्नि परीक्षा थी जो कि स्वाभाविक भी है कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और क्षेत्र को समझने में समय लगता है. मगर थाना प्रभारी के साथ एक अच्छा आपसी सामंजस्य बनाते हुवे उन्होंने भी इस चुनौती को स्वीकार किया. इस दौरान दूसरी सबसे बड़ी चुनौती थी आदमपुर चौकी इंचार्ज के सामने. लगभग एक पखवारे पहले चौकी का प्रभार मिला था और सबसे बड़ी चुनौती थी कि इसी क्षेत्र के खिडकिया घाट पर आस पास के थाना क्षेत्रो की प्रतिमाये विसर्जित होनी थी साथ ही इसी चौकी क्षेत्र से सभी शिया समुदाय के अधिकतर कार्यक्रम होने होते है और यह कार्यक्रम नवरात्र के शुरू होते के साथ ही शुरू हो चुके थे. एक तरफ प्रतिमा पंडालो में व्यवस्था सुनिश्चित करना वही दूसरी तरफ शिया समुदाय के जुलूसो हेतु सुरक्षा व्यवस्था देखना.
इस दौरान क्षेत्र में गंगा जमुनी तहजीब का एक मरकज़ भी देखने को मिला जब आदमपुर थाना क्षेत्र के उक्त चौकी क्षेत्र से उठने वाला विश्व प्रसिद्ध मेहंदी का जुलूस निकला और उसका गुज़र एक प्रतिमा पंडाल के सामने से होना था. इस बीच शिया समुदाय ने क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज जो सुरक्षा हेतु लगे थे से पंडाल के लगे डीजे की आवाज़ को कम करने का अनुरोध किया और चौकी इंचार्ज ने उस सम्बन्ध में पंडाल के संचालको से बात किया कि कुछ देर के लिये डीजे की आवाज़ को थोडा धीरा कर दे तो पंडाल संचालको ने डीजे की आवाज़ धीरी न करके गंगा जमुनी तहजीब का परिचय देते हुवे डीजे ही उतनी देर तक बंद कर दिया जितनी देर जुलूस उस इलाके से होकर गुज़ारा और सभी पंडाल में उपस्थित दर्शनार्थियों ने पंडाल के बाहर अदब से खड़े होकर पुरे सम्मान से क्षेत्र से जुलूस को गुज़रवाया.
प्रतिमा विसर्जन और ताजिया दफन के लिये बहाया गया थाना आदमपुर प्रभारी और उनके अधिनस्तो का पसीना अभी सुखा भी नहीं था कि आज तीजे के विभिन्न जुलूस को शांतिपुर्वक निकलवाने में पसीना बहाना पड़ा और पूरी सुरक्षा और शांति से आज का तीजे का जुलूस भी गुजरवा दिया. इस कार्य शैली की क्षेत्रीय नागरिको ने भी भूरी भूरी प्रशंसा स्थानीय थाना प्रभारी की किया. इस हेतु किया गया क्षेत्राधिकारी का प्रयास भी अतुलनीय रहा है.
थाना सिगरा प्रभारी गोपाल गुप्ता :-
इसी क्रम में दूसरा थाना जिसने सबसे अधिक पसीना बहाया वह है थाना सिगरा. आधे शहर की ताजिया और विभिन्न जुलूस इसी थाना क्षेत्र में आकर फातमान पर ठन्डे होते है. यहाँ अक्सर विवाद एक ही वर्ग के दो समुदायों के बीच हो जाता है क्योकि दोनों समुदायों का जुलूस एक ही जगह ठण्डा होता है. अनुभवी थाना प्रभारी ने अपने अनुभव का परिचय देते हुवे यह सब संभव किया. फातमान में छिटपुट घटनाये लगभग हर वर्ष ही होती रही है. मगर यह पहला वर्ष है जिस वर्ष किसी प्रकार कि कोई भी छिटपुट वारदात नहीं हुई है. इसके लिये थाना प्रभारी और थाना क्षेत्र के सभी चौकी इंचार्ज बधाई और प्रशंसा के पात्र है.