तो साहब ऐसे है सीवान में सुशासन और कानून राज ?
गोपाल जी.
सिवान में कानून का राज है, तभी तो गैरजमानती वारंट और गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश के 24 घंटे बाद तक भी एम.एच. नगर थाना प्रभारी अरुण कुमार ¨सह को उनको पद से नहीं हटाया गया। इसकी जिले भर में चर्चा हो रही है। जानकार कहते हैं कि गिरफ्तारी के आदेश के बाद एक मिनट भी उनको थानाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं है। न्याय का तकाजा यही है कि उनको खुद कुर्सी छोड़ देने की पेशकश कर देनी चाहिए। यदि न्यायपालिका के प्रति जरा भी इज्जत हो तो उनको तय तारीख से पहले न्यायालय में समर्पण कर देना चाहिए।
वारंटी के थानाध्यक्ष पद पर बने रहने की खबर दिल्ली तक पहुंच गई है। वहां से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. फर्रूख खान ने मीडिया को फोन पर कहा कि बहुत बड़ा ताज्जुब हुआ कि जिसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो और कोर्ट ने कहा हो कि उसे गिरफ्तार कर पेश किया जाए, वह थानाध्यक्ष कैसे बना रह सकता है। कुछ नैतिक जिम्मेदारी भी होती है। थानाध्यक्ष को पद से इस्तीफा देकर कोर्ट में हाजिर हो जाना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते तो न्याय का तकाजा है कि एसपी उनको पद से तुरंत हटा दें। कानून से जितना दूर भागेंगे, शिकंजा और कसता जाएगा।
दुर्घटना के बाद शव का पोस्टमार्टम न कराना समझ से परे
जिस दुर्घटना की बात को लेकर इतना बवाल मचा, उसमें मृत महिला के शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। यह बात किसी की समझ में नहीं आ रही है। इसके बाद रिश्वत वाली ऑडियो में भी जिक्र है कि कमल राम से शम्स तबरेज के खिलाफ एससीएसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया गया। इसी मुकदमे को सलटाने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही थी।
थानाध्यक्ष के पद पर बने रहने से डरे हैं शम्स
न्याय के लिए आवाज बुलंद करने वाले शम्स तबरेज काफी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि कोर्ट से गिरफ्तारी का आदेश होने के बावजूद थानाध्यक्ष अरुण कुमार ¨सह को पद से नहीं हटाया गया। इससे उनको कैसे न्याय मिलेगा। उन्होंने इसकी भी शिकायत कोर्ट में करने का मन बनाया है।
बोले एसपी
कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। थाना प्रभारी को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे कोर्ट का सम्मान करते हुए हाजिर होकर अपना पक्ष रखें। – सौरव कुमार शाह, एसपी सिवान