बाँदा : बाबा वीरेन्द्र देव के आध्यात्मिक आश्रम पर पुलिस का शिकंजा

शाहनवाज़ खान/जीशन अली 

(बाँदा) यौन उत्पीड़न जैसे संगीन मामलों में आरोपी फरार विवादित बाबा वीरेंद्र देव पर पुलिस अपना शिकंजा लगातार कसती जा रही है। इसी कड़ी में बाबा वीरेन्द्र देव के जिले में स्थित आश्रम आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पर फिर पुलिस ने छापेमारी की है। बाबा के आश्रम में होने की सूचना के साथ ही नाबालिग लड़कियों के होने की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी कर आश्रम की सघन तलाशी ली है। आश्रम में मौजूद संचालिका और सेविकाओं से भी पुलिस ने पूछतांछ की है। हालांकि पुलिस को यहां न तो बाबा मिला, और न ही कोई बंधक लड़कियां ही यहाँ से बारामद हुई हैं।

बता दें कि आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से बाबा वीरेन्द्र देव के देश भर में कई आश्रम हैं। जिनमें अध्यात्म के नाम पर लड़कियों को बंधक बनाकर रखने और उनके यौन शोषण जैसे कुकृत्य किये जाने के आरोप आश्रम के ही भक्त और सेविकाओं ने बाबा पर लगाए हैं। वहीँ दिल्ली सहित बाँदा में भी इस विवादित बाबा के खिलाफ कई मुक़दमे पीड़ितों ने दर्ज कराये हैं। जबकि बाबा वीरेन्द्र देव पुलिस की पकड़ से फरार चल रहा है। पिछले दिनों दिल्ली के रोहणी स्थित बाबा के आश्रम में महिला आयोग चाइल्ड वेलफयर कमेटी के रेस्क्यू ऑपरेशन में 41 नाबालिग लड़कियों को बचाकर शेलटर होम भी पहुँचाया जा चुका है। इसी क्रम में जिले में भी एक भाई ने अपनी बहन को बंधक बनाने का आरोप विवादित बाबा पर लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने इसी पर कार्यवाही करते हुए शहर के सर्वोदय नगर में स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पर छापेमारी की और आश्रम की तलाशी लेते हुए मौजूद सेविकाओं से सघन पूंछताछ की।  इसके पहले भी पुलिस ने करीब एक महीने पहले यहां नाबालिग लड़कियों के होने की सूचना पर छापेमारी की थी और उस दौरान भी पुलिस को यहां लड़कियां नहीं मिली थी। लेकिन यहा पर कुछ सेविकाएँ जरूर मिली थी। हालांकि इस छापामारी में पुलिस के हाथ न तो आरोपी बाबा लगा और न ही लड़कियां ही बरामद हो सकी हैं।

पुलिस की छापेमारी के दौरान आश्रम की संचालिका से भी पुलिस की कहासुनी हुई। संचालिका ने बाबा की तरफदारी करते करते हुए कहा है कि बाबा गलत नहीं हैं, उन्हें बेवजह बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वहीँ इस संबंध में एसपी का कहना है कि मामले की सूचना पर आश्रम में सर्च करने के साथ ही दिल्ली भी टीम रवाना की गयी है। जो आश्रम से रिहा कराई गयी

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