बाँदा – तहबाजारी या फिर अवैध वसूली है साहेब ये ?
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बाँदा- खनिज तहबाजारी के नाम पर खनिज भरे वाहनों से मनमानी वसूली इस जिले के लिए कोई नई बात नही है। किंतु यू0पी0 के सी0एम0 और भाजपा शासित राज्यो के मुखिया जिस तरह के पिछली सरकारों को ताना मारकर न कहूंगा न खाने दूंगा का नारा लगाकर अपनी सरकार की नीति और नीयत की दुहाई देते है।ऐसे मौके पर जब बाँदा शहर से गुजरने वाले मार्गो से गुजरने वाले खनिज वाहनों से खनिज तहबाजारी के नाम पर सरे आम एक एक वाहन से दो सौ,ढाई सौ ,पांच सौ रुपयो की वसूली देखते है तो किसी का भी माथा अनायास ही ठनकने लगता है। ऊपर से खनिज वसूली अड्डो पर तैनात लठैत और वाहन चालकों के साथ वसूली को लेकर उनकी बेरुखी देखते है तो लगता है जैसे सचमुच डाका पड़ रहा हो।हालात इतने बेकाबू है कि वसूली कर रहे लठैतों को न तो कानून का खौफ है और न ही नियमो की चिंता।यहाँ तो बस राम राम जपना लाखो का माल अपना,उन्हें तो अपनी जेब भरने की फिकर जरूर रहती है।हालांकि जिला पंचायत के अंतर्गत तहबाजारी ठेकेदारी को नियंत्रित करने के लिए कईबार जिला प्रसाशन व मंडल के अधिकारियों द्वारा कई बार प्रयास किये गए है,किन्तु सत्ता के रसूख के चलते सब बेकार हो जाते है।