लखनऊ में पूर्व विधायक के बेटे की हत्या में इस्तेमाल कार कानपुर में मिली
समीर मिश्रा/आदिल अहमद.
लखनऊ में तीन दिन पहले हुई सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज के पूर्व विधायक के बेटे की हत्या में इस्तेमाल की गई कार गुरुवार को आरोपियों की निशानदेही पर सजेती से बरामद कर ली गई। इस दौरान लखनऊ पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस की टीम भी रही। कार में सचिवालय का प्रवेश पास भी लगा है। इसके बाद पुलिस अन्य साक्ष्यों की बरामदगी में जुटी रही। कार से एक खाली सूटकेस भी मिला है। पुलिस रिमांड पर लिए गए दोनों आरोपियों को भी लेकर आई थी।
विधायक जिप्पी तिवारी के पुत्र वैभव की हजरतगंज में हत्या की गई थी। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल दो लोगों को पकड़ लिया था। उनकी निशानदेही पर लखनऊ की टीम गुरुवार दोपहर बाद यहां पहुंची। कत्ल में प्रयुक्त कार सजेती के पास होने की आशंका पर स्थानीय पुलिस से संपर्क किया गया। इसके बाद घाटमपुर और सजेती में छानबीन शुरू की गई। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस को आनूपुर मोड़, ढाबे के पीछे से कार मिल गई, जिसे कब्जे में ले लिया गया। पुलिस यहां से कई और साक्ष्य जुटाने की कोशिश भी कर रही है। कार के अंदर से मिलीं बोतलें और सामान भी जब्त कर लिया गया।
भाग रहे थे मध्य प्रदेश
पुलिस को आशंका है कि कार का इस्तेमाल हत्या में किया गया। आरोपी कार से कानपुर होते हुए यूपी की सीमा पार कर मध्य प्रदेश भागने की फिराक में थे। सीमाएं सील होने की आशंका से कार यहां पर छोड़ दी। यह भी जांच का विषय है कि कार यहां गच्चा देने के लिए छिपाई तो नहीं गई। बरामदगी करने आई पुलिस के संपर्क में लखनऊ के आला अफसर लगातार में रहे। टीम के लोग लगातार अफसरों को जानकारी देते रहे।
पहले गुमराह किया, रिमांड में कबूला
हजरतगंज कोतवाली के सब इंस्पेक्टर वीके मिश्रा ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पहले गुमराह किया कि बांदा के जिला अस्पताल में कार खड़ी है। बाद में दोनों मुकर गए और एमपी में कार होने की बात कहने लगे। इस पर दोनों जेल भेजने के बाद रिमांड में लेकर पूछताछ की गई तो सच्चाई सामने आई। आरोपियों की निशानदेही पर ही आनूपुर मोड़ के पास कार की तलाश की गई। घाटमपुर इंस्पेक्टर देवेन्द्र दुबे के साथ गाड़ी की तलाश में जुटी लखनऊ पुलिस को बरामद करने में कामयाबी मिली। कार यहां प्रियंका ढाबा के पीछे मिली।
सूटकेस से जुड़े राज़ खंगाले जा रहे
पुलिस को गाड़ी से एक खाली सूटकेस भी मिला है। पुलिस इस सूटकेस से जुड़े राज भी खंगालने में जुटी है। यह भी माना जा रहा है कि सूटकेस में हत्या के बाद फरार होने के लिए आरोपियों को पैसा दिया गया होगा। यह सूटकेस किसी तीसरे व्यक्ति का भी हो सकता है। एसआई वीके मिश्रा ने बताया कि गाड़ी और उससे बरामद चीजों से जुड़े बिन्दुओं पर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
सुरक्षा पर लगा बड़ा सवाल
हत्यारोपियों ने हत्या में काली लग्जरी कार में सचिवालय का पास लगे से विधानसभा की सुरक्षा पर सवाल भी उठा है। कई माह पहले विधान सभा के भीतर विस्फोटक बरामद होने के बाद सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया था। यहां पर प्रवेश करने वाली गाड़ियों पर निगाहें रखी जाती है। सीएम ने भी विधान सभा की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने यह आदेश दिया था कि पास धारी गाड़ियों पर भी नजर रखी जाए। वीआईपी नम्बर की इस कार में लगा पास 2017 में जारी किया गया है। यह भी जांच का विषय यह है कि गाड़ी में लगा पास असली है या नकली।
हिस्ट्रीशीटर दोस्त ही निकला आरोपी
हजरतगंज में पूर्व विधायक के प्रधान पुत्र वैभव तिवारी (30) की हत्या कर दी गयी थी। प्रापर्टी को लेकर हुए विवाद में पुलिस ने वैभव की हत्या में उसके बचपन के दोस्त सूरज व एक हिस्ट्रीशीटर विक्रम को गिरफ्तार किया है। रमबापुर जगतराम, डुमरियागंज निवासी प्रेमप्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी तीन बार विधायक रहे हैं। उनका इकलौता पुत्र वैभव तिवारी जगतराम गांव का प्रधान था। वर्तमान में वैभव करमंडा हाउस के तीसरे तल स्थित फ्लैट नं.322 में रहता था। आरोप है कि 16 दिसंबर को प्रापर्टी के विवाद में अर्जुनगंज निवासी दोस्त सूरज शुक्ला ने हिस्ट्रीशीटर विक्रम के साथ मिलकर हत्या की है। यह बात भी सामने आई थी कि हत्या काले रंग की कार से आए कातिलों ने की है।