ये माना कि तुम्हारे शहर की कोठी महकती है, हमारे गांव मे आओ यहां मिट्टी महकती है
संजय ठाकुर
मऊ : मधुबन क्षेत्र के चचाईपार स्थित संत कबीर इण्टर कालेज के वार्षिकोत्सव के शुभ अवसर पर एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवम् मुशायरे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से की गई , तत्पश्चात कवियो ने अपने कविताओ के माध्यम से देर शाम तक लोगो की वाह वाही व तालियो की गुंज को बनाए रखा । कवियो ने समाज मे ब्याप्त कुरीतियो पर भी जमकर प्रहार किया । मां के ममता का बखान करते हुए सुभाष यादव ने कहा कि केहु केतनो दुलारू माई ना होई। वही छात्र छात्राओ को समर्पित कविता “आज दरिया हो तुम , कल समन्दर बनो” के माध्यम से राम आधार ब्याकुल ने छात्रो के बीच उमंग का संचार किया । कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉक्टर ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने कहा कि “हमारी राह मे आये तो पर्वत तोड़ देते है, जरूरी हो तो दरिया के रूख को मोड़ देते है, भरत है राम लक्ष्मण हम,हमारा इम्तिहान मत लो, पिता के एक इशारे पर अयोध्या छोड़ देते है ।
शाहजहांपुर के बृजेश सिंह ने कहा कि “मस्जिद हो मानस का घर और मंदिर मे हम पढ़े कुरान, पहन जनेऊ हम पढ़े नमाज,शंखध्वनि मे हो अजान और दिल से दिल मिल जाए, मजहब की बात न आये ऐसा हो अपना हिन्दुस्तान “।बागी बलिया के डाक्टर नन्द जी नन्दा ने अपने हास्य ब्यंग से लोट पोट कर दिया । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केदारनाथ सिंह जी ने दहेज प्रथा पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि एक अजनबी के घर को बसाने के वास्ते बेटिया अपने बाबुल का घर छोड़ देती है, और तुम उनसे दहेज मांगते हो जो तुम्हारे घर को जन्नत बनाती है ।क्रार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चन्द्रभान स्वाध्यायी ने कहा कि मुर्ख विद्वान से डरते है और धरती का हर ब्यक्ति चरित्रवान से डरता है अतः बच्चो अपने चरित्र और आचरण को सर्वोत्तम बनाये । कार्यक्रम का समापन प्रबन्धक ओमप्रकाश यादव ने सभी आगन्तुको को कोटिशः साधुवाद देते हुए किया। इस मौके पर पटेल सिहं, अर्चना यादव, हरिश्चन्द यादव, अरविन्द सिंह, आदि लोग उपस्थित रहे ।