धिकार है ऐसे माँ-बाप पर – जौनपुर और महोबा में पैदा होते ही फेंकी गई मासूम बेटियों ने तोड़ा दम

कनिष्क गुप्ता.

इलाहाबाद। मां, तुमने मुझे नौ माह तक पेट में पाला, दर्द सहकर पैदा किया। तुमने, मुझे पैदा होते ही चाहे जिस परिस्थिति में फेंका हो, अपनी ममत्व से दूर कर दिया हो, मगर मैं तो तुम्हारा इंतजार करती रही। जब तुमने झाडिय़ों में फेंका था तो जख्म हुए थे। उन जख्मों को तो मैंने किसी तरह सहन कर लिया मगर तुम्हारे तिरस्कार को मैं न सह सकी। बस मां, अब इंतजार की इंतहा हो गई। अब मैं तुम्हारी दुनिया छोड़कर बहुत दूर जा रही हूं मां…।

ये दर्द उन दो मासूम बेटियों के थे, जिन्हें जन्म लेने के बाद उनकी मां ने फेंक दिया था। एक बेटी को 22 सितंबर, 2017 को पैदा होने के बाद ही कपड़े में लपेटकर जौनपुर में नेवढिय़ा के धरऊपुर गांव के बाहर झाडिय़ों में फेंक दिया गया था। राहगीरों की नजर पड़ी तो पुलिस पहुंची थी। उसे इलाहाबाद में खुल्दाबाद स्थित राजकीय शिशु गृह लाया गया। नवजात संक्रमण का शिकार थी, शरीर के कई अंगों पर जख्म थे। उसका इलाज कराया गया और शिशु गृह में एंजल नाम रखा गया था। पिछले साल 25 दिसंबर को उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी तो सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां रविवार सुबह उसकी सांस थम गई।

दूसरी बेटी पैदा होते ही महोबा के कबरई क्षेत्र में 11 सितंबर, 2017 को एक मंदिर के पास फेंकी गई थी। पुलिस ने उसे भी यहां के राजकीय शिशु गृह में भेजा। वह काफी कमजोर थी। चिकित्सकों ने उसे प्रीमेच्योर बताया था। उसका इलाज किया गया, मगर तीन जनवरी को उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां शनिवार रात उसने जिंदगी की आखिरी सांस ली। एसआरएन हास्पिटल कैंपस में रविवार को एक का तो चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। सोमवार को दूसरी बच्ची के शव का भी पोस्टमार्टम होगा। दोनों शवों का दारागंज में अंतिम संस्कार किया जाएगा।

नारी सशक्तीकरण और बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन आज भी बेटियों के प्रति समाज के नजरिये में परिवर्तन नहीं आया है। बेटियों को समाज और परिवार में उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। महोबा और जौनपुर जिले में फेंकी गई दोनों बच्चियां इसका ताजा उदाहरण हैं। कैसे थे उनके मां-बाप, जिन्हें बेटियों को जिगर से दूर करने का दर्द नहीं हुआ। शायद उन्हें यह पता नहीं था कि इंद्रा गाँधी, कल्पना चावला, पीटी ऊषा, मेरी काम, साइना नेहवाल, सानिया मिर्जा, ज्वाला गट्टा, साक्षी मलिक भी बेटी ही हैं।

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